पवित्र भूमि में हिंसा से 'वापसी के बिंदु' तक पहुँचने का खतरा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव अन्तोनियो गुतेरेस ने चेतावनी दी है कि गाज़ा में हिंसा लगातार जारी रहने के कारण हम 'वापस न लौटने के बिंदु' पर पहुंच रहे हैं।
द्वि-राज्य समाधान ध्वस्त
उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि इस्राएली-फ़िलिस्तीनी संघर्ष का द्वि-राज्य समाधान लगभग ध्वस्त हो रहा है, उन्होंने इस्राएली बस्तियों के विस्तार, जबरन विस्थापन और वास्तविक विलय का हवाला दिया।
गुतेरेस ने कहा कि चरमपंथी बसने वालों के हमलों सहित हिंसा के चक्र ने एक गैरकानूनी इस्राएली कब्जे को मज़बूत कर दिया है और इस क्षेत्र को "खतरनाक रूप से उस बिंदु के करीब पहुँचा दिया है जहाँ से वापसी संभव नहीं है।"
अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन
उन्होंने ई1 क्षेत्र में निर्माण को इस्राएल द्वारा दी गई मंज़ूरी की निंदा की और चेतावनी दी कि यह पश्चिमी तट को विभाजित कर देगा और भावी फ़िलिस्तीनी राज्य की क्षेत्रीय निरंतरता को नष्ट कर देगा। उन्होंने कहा, "इस्राएली बस्तियाँ सिर्फ़ एक राजनीतिक मुद्दा नहीं हैं। ये अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन हैं।"
गुतेरेस ने द्वि-राज्य समाधान पर एक उच्च-स्तरीय सम्मेलन के पुनर्प्रस्ताव हेतु फ्रांस और सऊदी अरब की प्रशंसा की और हाल ही में फ़िलिस्तीनी राज्य के दर्जे को मान्यता दिए जाने का स्वागत किया। उन्होंने विश्व के अन्य देशों से भी इस गति को और आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
गाजा के भविष्य पर, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून पर आधारित एक ढाँचे का आह्वान किया, जो जातीय सफाया को खारिज करे और राज्य का दर्जा पाने का स्पष्ट मार्ग सुनिश्चित करे। उन्होंने बसने वालों की हिंसा और कब्जे की धमकियों को समाप्त करने की माँग की, और इस्राएल से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसलों का पालन करने का आग्रह किया।
गुतेरेस ने कहा, "अधिक हिंसा से न्यायसंगत और स्थायी शांति कभी स्थापित नहीं होगी। इसके लिए कूटनीति, अंतरराष्ट्रीय कानून और सभी लोगों की गरिमा के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।"