परमधर्मपीठीय सुरक्षा आयोग कॉन्क्लेव के लिए प्रार्थना में एक साथ

नाबालिगों की सुरक्षा के लिए गठित परमधर्मपीठीय आयोग बुधवार, 7 मई 2025 को शुरू होनेवाले कॉन्क्लेव से पहले कलीसिया के साथ प्रार्थना में एकजुट है।

रोम के अगले धर्माध्यक्ष का चुनाव करने के लिए आगामी कॉन्क्लेव की तैयारी हेतु कार्डिनलमंडल के सदस्य रोम में एकत्रित हो रहे हैं, वहीं नाबालिगों की सुरक्षा के लिए बने परमधर्मपीठीय आयोग ने एक सार्वजनिक वक्तव्य और प्रार्थना के माध्यम से कार्डिनल निर्वाचकों के प्रति अपनी आध्यात्मिक सामीप्य और समर्थन व्यक्त किया है।

पूरी कलीसिया में सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने का काम सौंपे गए आयोग ने इस क्षण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए कहा कि वह पवित्र आत्मा के नेतृत्व में विवेक के लिए प्रार्थना करने में सार्वभौमिक कलीसिया के साथ है।

बयान में कहा गया है कि "हम पवित्र आत्मा द्वारा निर्देशित आत्मपरख के लिए ईश प्रजा के साथ अपनी आवाज मिलाते हैं - और कलीसिया के भीतर दुर्व्यवहार से पीड़ित लोगों की पुकार को अपने साथ लाते हैं।"

साहस, विनम्रता और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
कार्डिनलमंडल के समक्ष मौजूद गहन जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए, आयोग ने कलीसिया के जीवन में कमजोर लोगों की सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "हम उन कार्डिनलों के लिए प्रार्थना करते हैं जो संत पेत्रुस के अगले उत्तराधिकारी को चुनने की गंभीर जिम्मेदारी उठाते हैं, कि वे साहस, विनम्रता और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से मार्गदर्शन प्राप्त करें।"

आयोग ने उत्साहपूर्वक उल्लेख किया कि रोम में कार्डिनलों के बीच पूर्व-सम्मेलन चर्चाओं में सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। इसने पुष्टि की कि कलीसिया की विश्वसनीयता और नैतिक अधिकार "वास्तविक जवाबदेही, पारदर्शिता और न्याय पर आधारित कार्रवाई पर निर्भर करता है।"

संत जोसेफ के आत्मपरख को समर्पित करते हुए
विश्वास और मध्यस्थता की भावना से, आयोग ने बालक येसु के संरक्षक संत जोसेफ के माध्यम से एक विशेष प्रार्थना की, जिसमें उन्होंने निर्वाचकों पर दिव्य मार्गदर्शन का आह्वान किया।

प्रार्थना करते हुए कहा, "आपके नाम पर एकत्रित कार्डिनलों पर अपनी पवित्र आत्मा भेज दे।" "जब वे प्रार्थना करते हुए संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी को पहचानने की कोशिश कर रहे हैं, वे ईश्वर के लोगों की सुरक्षा और संरक्षण को प्राथमिकता दे सकें।"

प्रार्थना में दुर्व्यवहार से पीड़ित लोगों के प्रति कलीसिया की जिम्मेदारी के बारे में गहन जागरूकता का आह्वान किया गया है और आग्रह किया गया है कि सत्य और न्याय की आवश्यकता को न तो बदनामी के डर से छिपाया जाए और न ही प्रतिष्ठा की चिंता से विलंबित किया जाए।

न्याय और सत्य में निहित नेतृत्व के लिए दृष्टिकोण
आयोग की प्रार्थना में आशा व्यक्त की गई है कि अगला पोप पारदर्शिता और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध चरवाहा होगा, और कार्डिनल स्वयं उन पर रखे गए पवित्र भरोसे को बनाए रखने में सतर्क रहेंगे।

प्रार्थना में आगे कहा गया है, "हमारे कार्डिनलों को सुरक्षा और बचाव के लिए नेतृत्व करने, निर्दोषों के रक्षक और दुर्व्यवहार के शिकार लोगों के मध्यस्थ बनने हेतु प्रेरित कर।" "वे कठोर नीतियों और प्रक्रियाओं और अनुशासनात्मक उपायों के लिए जवाबदेही की प्राथमिकता को अपनाएँ।"