छत्तीसगढ़ : स्कूल छात्रा ने की आत्महत्या, विरोध में सिस्टर गिरफ्तार

सिस्टर पर आरोप लगाते हुए एक छात्रा ने सुसाइड नोट छोड़कर आत्महत्या कर ली जिसने हिंदू राष्ट्रवादियों के क्रोध को भड़का दिया है। वे उनपर "आत्महत्या के लिए उकसाने" का आरोप लगा रहे हैं। सिस्टर ने उसके माता-पिता को स्कूल बुलाया था। अंबिकापुर के धर्माध्यक्ष ने कहा, "हम परिवार के दुःख में उनके करीब है। लेकिन हम सिस्टर मर्सी के लिए न्याय भी मांगते हैं।"

छत्तीसगढ़ में यह दुखद घटना काथलिक शैक्षणिक संस्थानों के आसपास नया तनाव पैदा कर रही है। पुलिस ने 7 फरवरी को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में कार्मेलाइट धर्मबहन मर्सी को गिरफ्तार किया और उसे सरगुजा जिले के एक प्रमुख शहर अंबिकापुर की एक स्थानीय अदालत में मुकदमे के लिए भेज दिया।

सिस्टर मर्सी, जो मूल रूप से केरल की रहनेवाली हैं और लगभग तीस साल की हैं, उन्हें इस अपराध के लिए 10 साल की जेल या यहां तक कि आजीवन कारावास की सजा का खतरा है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब 6 फरवरी को अंबिकापुर के कार्मेल स्कूल की छठी कक्षा की एक छात्रा ने अपनी जान ले ली। सिस्टर उसी स्कूल में छोटे बच्चों की कक्षा में पढ़ाती हैं।

छात्रा ने अपने घर में फांसी लगा ली। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में उसने धर्मबहन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। अम्बीकापुर धर्मप्रांत के शिक्षण संस्थानों के निदेशक फादर लुसियन कुजूर ने एशियान्यूज से कहा, “यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि विदाई चिट्ठी असली है या नहीं। लेकिन सिस्टर पर लगे आरोप झूठे हैं।''

धर्मप्रांत द्वारा प्रदान किए गए तथ्यों के अनुसार, कुछ लड़कियों ने अपने क्लास में भाग लेने के बजाय खुद को बाथरूम में बंद कर लिया था। एक बच्ची ने इसकी जानकारी सिस्टर को दी, जिसने - उनकी शिक्षिका न होने के बावजूद - उनके पहचान पत्र ले लिये और अगले दिन स्कूल प्रबंधन के साथ मिलने हेतु उनके माता-पिता को बुलाया था। उनमें से एक लड़की ने दोपहर को अपनी जान ले ली।

अम्बिकापुर के धर्माध्यक्ष अंतोनिस बड़ा ने एशिया न्यूज से बात करते हुए कहा, “मैं उनकी बेटी की दुखद मृत्यु के लिए परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। इस खबर से मुझे गहरा दुःख हुआ। हम उनके दर्द में शामिल हैं और अपना समर्थन देते हैं। हम इस परिवार के लिए प्रार्थना करते हैं: ईश्वर उन्हें इस कठिन समय में शक्ति और दिलासा प्रदान करें। लेकिन हम सिस्टर मर्सी के लिए न्याय भी मांगते हैं।"

इस बार भी चिंता की बात यह है कि हिंदू राष्ट्रवादी समूहों ने तुरंत स्कूल के सामने विरोध प्रदर्शन किया और सिस्टर मर्सी एवं प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की मांग की। फादर कुजूर ने कहा, “सिस्टर मर्सी लड़कियों को पढ़ाने में शामिल नहीं हैं और उनके खिलाफ कभी कोई शिकायत नहीं आई है - अल्पसंख्यक ईसाई संचालित शैक्षणिक संस्थान में छात्र और छात्राएँ दोनों मिलाकर 8 हजार से अधिक की संख्या में पढ़ते हैं। पुलिस की सलाह पर सावधानी बरतते हुए फिलहाल स्कूल बंद कर दिया गया है और सुरक्षा बल तैनात कर दिये गये हैं। हमें उम्मीद है कि इसे जल्द ही दोबारा खोला जा सकेगा।"

व्यापक रूप से प्रसारित एक व्हाट्सएप मेसेज में, धर्मप्रांत के एक अन्य फादर शाजी ने कहा “इस समय छोटी-छोटी हरकतें भी गंभीर हो सकती हैं। हम कार्मेल स्कूल की धर्मबहनों और विशेष रूप से सिस्टर मर्सी के लिए प्रार्थना करते हैं।"