अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व राँची में एक दिवसीय महिला सम्मेलन
राँची महाधर्मप्रांत के काथलिक महिला संघ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के पूर्व एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन 3 मार्च को उर्सुलाइन इंटर कॉलेज सभागार में सम्पन्न हुआ।
राँची महाधर्मप्रांत से फादर प्रफुल बड़ा की रिपोर्ट अनुसार, सम्मेलन में राँची महाधर्मप्रांत की महिलाओं ने काफी संख्या में भाग लिया और अपने अनुभव एवं विचारों का आदान-प्रदान किया। सम्मेलन के दौरान, महिलाओं ने संयुक्त राष्ट्रसंघ दवारा घोषित विषय : 'महिलाएँ शांति की बीज बोतीं और वार्तालाप को बढ़ावा देतीं हैं' के साथ, समाज में उनकी भूमिका और महत्व पर चर्चा की। उन्होंने महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज में महिलाओं के समान अधिकारों के लिए आवाज बुलंद किया।
सम्मेलन की मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉक्टर सिस्टर मेरी ग्रेस टोप्पो ने अपने सम्बोधन में कहा कि हर महिला को छोटी- छोटी बातों में शांति का बीज बोना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने अधिकार एवं न्याय को पाने के लिए आपसी वार्तालाप को माध्यम बनाना चाहिए।
प्रशासनिक अधिकारी सेवा संघ की अध्यक्ष श्रीमती रंजिता हेमब्रोम ने बताया कि उनके जीवन में उनकी माँ ने एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बतलाया कि उनकी माँ की मेहनत, सहानुभूति और उनके समर्पण ने ही उन्हें जीवन में सफलता की ओर आगे बढ़ने में मदद दिया। श्रीमती हेमब्रोम आगे कहती हैं, "मेरी माँ ने मुझे जिम्मेदारी, साहस और संघर्ष का महत्व सिखाया। उनका प्रेरणादायक उदाहरण हमेशा मेरे साथ रहता है।" उनके समर्पण, संघर्ष और संबलता के लिए सलामी देते हुए उन्होंने कहा कि उनकी माँ के साथ उनका संबंध गहरा और प्रेमपूर्ण है, जिसने उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का बल प्रदान किया है। माँ का मार्गदर्शन अपने भाई बहनों पर भी अच्छा रहा है जिसका प्रभाव यह हुआ की एक भाई इंगलैंड में डॉक्टर पद पर रहकर अपनी सेवा दे रहे हैं। अपना अनुभव साझा करते हुए श्रीमती रंजिता कहा की सास के साथ भी उनका रिश्ता माँ बेटी की तरह रहा है।
डॉक्टर इरा अनुपमा ने कहा, "महिलाओं और लड़कियों को अपने स्वास्थ्य के बारे में सजग रहना और ध्यान देना चाहिए।" उन्होंने कहा कि महिलाओं और लड़कियों का स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है और उन्हें इसे प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं को नियमित चेकअप, स्वस्थ आहार, व्यायाम, और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे बतलाते हुए जागरूक रहने की सलाह दी। उन्होंने यह भी संदेश दिया कि खुद की देखभाल करना महिलाओं के लिए स्वतंत्रता और सशक्तिकरण का माध्यम है। उन्होंने सेक्स और उससे संबंधित दुष्परिणाम के बारे भी सजग किया।
इस अवसर पर कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने भी महिलाओं को प्रेरित किया और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने की सलाह दी।
इस सम्मेलन के अंत में, सभी महिलाओं ने संकल्प लिया कि वे समाज में अपनी स्थिति मजबूत करेंगी और महिलाओं के हित में काम करेंगे। धन्यवाद ज्ञापन, समिति की उपसभा नेत्री श्रीमती स्तेला सोय ने दिया।
सम्मेलन को सफल बनाने में सिस्टर दोरोथी कुल्लू, श्रीमती लिली बरला, श्रीमती मार्था टोप्पो, श्रीमती फ्रांसिस्का खलखो, सुशीला तिग्गा और श्रीमती शोभा बरला का अहम योगदान रहा।