कलीसियाई मिशन में लोकधर्मियों की अधिक भागीदारी हेतु फिलीपींस के धर्माध्यक्षों का आह्वान

फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीपी) के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष पब्लो वर्जिलियो डेविड ने मनिला में "धर्मसभा के लिए पल्ली पुरोहितों की राष्ट्रीय बैठक" में पल्ली पुरोहितों से आग्रह किया है कि वे लोकधर्मियों के साथ अपने प्रेरितिक उत्तरदायित्वों को साझा करें।

धर्मसभा 29 जुलाई से 1 अगस्त तक जारी है जिसमें देशभर के विभिन्न धर्मप्रांतों से करीब 250 पुरोहित जमा हुए हैं।

धर्माध्यक्ष डेविड ने लोकधर्मियों को सशक्त बनाने के महत्व पर बल दिया, ताकि उन बोझों को कम किया जा सके, जो अक्सर केवल पुरोहितों के कंधों पर होते हैं।

अभिषिक्त पुरोहितों की प्रेरितिक मिशन में एक खास जिम्मेदारी होती है लेकिन यह हल्का हो सकता है यदि वे लोकधर्मियों को कलीसिया के जीवन एवं मिशन में अर्थपूर्ण और प्रभावशाली ढंग से सहभागी होने के लिए सशक्त करते हैं।

धर्मसभा का आयोजन फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के नवीन सुसमाचार प्रचार विभाग ने किया है जिसमें प्रमुख वक्ता हैं वाटिकन में सिनॉड सचिवालय की उपसचिव सिस्टर नथाली बेकर्ट।  

धर्माध्यक्ष डेविड ने पारंपरिक याजकीय ढांचे के कारण कई पुरोहितों द्वारा अनुभव की जानेवाली थकान की स्थिति पर प्रकाश डाला, इसे "बहुत अनावश्यक" बताया और अधिक सहयोगात्मक दृष्टिकोण का आह्वान किया।

धर्मसभा के उद्घाटन ख्रीस्तयाग के दौरान अपने प्रवचन में, मनीला के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल जोस एडविनकुला ने इन भावनाओं को दोहराया, तथा पुरोहितों से “हमारी एक साथ चलनेवाली कलीसिया के साक्षी” बनने और पल्ली समुदायों में वास्तविक सामंजस्य को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

उन्होंने एक स्वागत करने वाली कलीसिया की आवश्यकता पर जोर दिया, जो पापियों, गरीबों और हाशिए पर पड़े सभी को शामिल करती है। कार्डिनल एडविनकुला ने प्रश्न किया, "अगर हम गरीबों की बात नहीं सुनते हैं, तो क्या हम ईश्वर की बात सुन रहे हैं?"

सीबीसीपी के उपाध्यक्ष धर्माध्यक्ष मैंलो ह्यूबर्ट वेर्गारा ने भी पुरोहितों को पल्लीवासियों के साथ अपने व्यवहार में आनंद और खुलेपन को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे एक ऐसी कलीसिया को बढ़ावा मिले जो लोकधर्मियों के साहस और योगदान को मान्यता दे और उनका समर्थन करे।

पल्ली पुरोहितों की राष्ट्रीय सभा को इटली के सैक्रोफानो में पल्ली पुरोहितों की अंतर्राष्ट्रीय बैठक के दौरान चर्चा किए गए विषयों की निरंतरता के रूप में देखा जा रहा है, और इसका उद्देश्य रोम में सिनॉडालिटी के प्रथम सत्र से सीखे गए सबक को लागू करना है।

यह सामूहिक आत्मपरख एवं याजक वर्ग के बीच भागीदारी और सामंजस्य बढ़ाने पर प्रकाश डालता है।
फिलीपींनियों के साथ अपने पूर्व दौरे में धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच ने सिनॉडालिटी (एक साथ चलने) को पुरोहितों एवं धर्माध्यक्षों के लिए एक उपहार बतलाया, एक ऐसी प्रेरिताई का आह्वान किया जो कलीसिया के अंदर विभिन्न कारिज्मों का सम्मान करती है।

उन्होंने सहयोग के महत्व पर जोर दिया और कहा, “हमारे प्रेरिताई हेतु समर्पित लोगों एवं उनके कारिज्म का सम्मान करना चाहिए। हम एक-दूसरे से सीख सकते हैं।”