शिक्षा सभी का अधिकार, पोप फ्राँसिस
पोप फ्रांसिस ने जनवरी 2025 के लिये निर्धारित प्रार्थना मनोरथ में सभी को "शिक्षा के अधिकार" मिलने के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया है।
पोप फ्रांसिस ने जनवरी 2025 के माह के लिये निर्धारित प्रार्थना मनोरथ में सभी को "शिक्षा के अधिकार" मिलने के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया है।
अपने वर्ल्ड वाईड नेटवर्क से प्रसारित विडियो सन्देश में पोप फ्रांसिस चेतावनी देते हैं कि आज, "हम एक शैक्षिक आपदा का अनुभव कर रहे हैं," इसपर बल देते हुए उन्होंने कहा, "यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है।"
25 करोड़ बिना शिक्षा के
पोप ने कहा कि युद्ध, प्रवासन और गरीबी के कारण, लगभग 25 करोड़ किशोर-किशोरियों में शिक्षा का अभाव बना हुआ है। उन्होंने कहा, "सभी बच्चों और युवाओं को स्कूल जाने का अधिकार है, भले ही उनकी आव्रजन और आप्रवास स्थिति कुछ भी हो।"
उन्होंने कहा कि शिक्षा हर किसी के लिए एक आशा है, जो "आप्रवासियों और शरणार्थियों को भेदभाव, आपराधिक नेटवर्क और शोषण से बचा सकती है।"
बेहतर भविष्य के लिये एकीकरण
इस बात पर पोप ने गहन दुख व्यक्त किया कि "इतने सारे नाबालिगों का शोषण किया जाता है!" अस्तु, उन्होंने कहा, शिक्षा आवश्यक है, जो "आप्रवासियों को मेज़बानी करनेवाले समुदायों में एकीकृत होने में मदद कर सकती है।"
इस तथ्य पर पोप ने बल दिया कि शिक्षा बेहतर भविष्य के द्वार खोलती है। "इस तरह," आप्रवासी और शरणार्थी अपने नए देश में अथवा वापस लौटने पर अपने-अपने समाजों में मूल्यवान योगदान दे सकते हैं।"
पोप ने कहा, याद रखें कि जो आगन्तुक का स्वागत करता है वह स्वयं अपने घर में येसु ख्रीस्त का स्वागत करता है। इस मनोरथ को ध्यान में रखते हुए सन्त पापा ने समस्त विश्वासियों को आमंत्रित किया कि वे आप्रवासियों, शरणार्थियों और युद्ध से प्रभावित लोगों के लिए प्रार्थना में उनके साथ शामिल होवें, "ताकि, एक अधिक मानवीय दुनिया के निर्माण के लिए आवश्यक, शिक्षा के अधिकार का सदैव सम्मान किया जा सके।"