पोप : हम पुनः एक नये जीवन की शुरूआत करें

पोप फ्रांसिस ने जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में शनिवार को तीर्थयात्रियों के लिए आशा पर एक नयी धर्मशिक्षा माला की शुरूआत की।

पोप फ्रांसिस ने शनिवार को आशा के तीर्थयात्रियों का रोम शहर में स्वागत करने तथा उनका आलिंगन करने हेतु आशा पर पुनः एक नई धर्मशिक्षा माला की शुरूआत की।

उन्होंने आशा के सभी तीर्थयात्रियों का जो पोप पौल षष्टम के सभागार में एकत्रित थे अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आप में बहुत से यहाँ रोम में “आशा के तीर्थयात्री” स्वरुप हैं। आज की शनिवार सुबह से, हम जयंती वर्ष आमदर्शन समारोह की शुरूआत कर रहे हैं यह हमें तीर्थयात्रियों का स्वागत करने और उन्हें गले लगाने का अवसर होगा, जो नयी शुरूआत की चाह लिये विश्व के भिन्न स्थानों से आ रहे हैं। वास्तव में, जयंती से हम नई शुरूआत करते हैं, यह ईश्वर की ओर से सबों के लिए एक नई शुरूआत की संभावना है। जयंती से हम नये जीवन, एक नये पड़ाव की शुरूआत करते हैं।  

गुण एक शक्ति है
इन शनिवारों को मैं समय-समय पर आशा से संबंधित कुछ बातों पर प्रकाश डालूंगा। यह एक ईशशास्त्रीय गुण है। लातीनी भाषा में गुण का अर्थ “शक्ति” है, यह शक्ति हमारे लिए ईश्वर से आती है। आशा इस भांति हमारी एक आदत नहीं या न ही व्यवहार है जिसे हम अपने लिए रखते या नहीं रखते हैं- लेकिन यह एक शक्ति है जिसकी मांग हम करते हैं। यही कारण है कि हम अपने में तीर्थयात्रा करते हैं, हम एक उपहार मांगने आते हैं, जिससे हम पुनः अपने जीवन की यात्रा शुरू कर सकें।

प्रतिज्ञात देश में प्रवेश  
पोप ने कहा कि हम येसु के बपतिस्मा का पर्व मनाने वाले हैं और यह हमें आशा के महान नबी, योहन बपतिस्ता के बारे में चिंतन करने का अवसर देता है। येसु ने उनके बारे में कुछ अद्वितीय बातें कहीं कि नारियों में जन्मे वह सबसे महान है। यह हमें इस बात को समझने में मदद करती है कि क्यों लोगों की भीड़ उनके पास जमा होती थी, वे अपने में एक नयी शुरूआत की लालसा करते थे। बपतिस्ता अपने में सचमुच विश्वासनीय और महान व्यक्तित्व को प्रस्तुत करते हैं। जब आज हम पवित्र द्वार में पवेश करते हैं, वैसे ही योहन यर्दन नदी पार करने का सुझाव देते हैं, जिससे प्रतिज्ञात देश में प्रवेश किया जा सके जैसे कि जोशुआ ने पहली बार किया था। पुनः शुरू करना, प्रतिज्ञता देश को और एक बार पहले की तरह प्राप्त करना है।

पोप ने सभों से पुनः नयी शुरूआत हेतु आहृवान करते हुए कहा “हम फिर से शुरू करें, हमारे लिए यह वाक्य महत्वपूर्ण है। हम इसे न भूलें।”