पोप : युद्ध मानवता की हार और धोखा है

"फ्रातेल्ली तुत्ती" फाउंडेशन द्वारा संचालित भाईचारे पर एक विश्व बैठक में #बी ह्यूमन में भाग लेने के लिए विश्व से आये प्रतिभागियों और नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं को अपने संदेश में पोप फ्राँसिस ने "लपटों में ग्रह" के लिए चिंता व्यक्त की और "हृदय की शांति" प्राप्त करने की आवश्यकता का संकेत दिया। ताकि लोग इस विश्वास के साथ मिलें कि जीवन हमेशा मृत्यु के हर रूप पर विजय प्राप्त करता है।"

पोप फ्राँसिस ने शनिवार 11 मई 2024 को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में मानव बंधुत्व पर विश्व बैठक #बी ह्यूमन  में भाग लेने वाले 350 प्रतिभागियों से मुलाकात की। पोप ने मानव बंधुत्व पर विश्व बैठक के लिए दुनिया के कई हिस्सों से वाटिकन आने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, साथ ही इस बैठक का आयोजन करने वाले फ्रातेल्ली तुत्ती फाउंडेशन को धन्यवाद दिया, जिसका उद्देश्य विश्वपत्र में निर्धारित सिद्धांतों को बढ़ावा देना एवं दुनिया के साथ आध्यात्मिकता, कला, प्रशिक्षण और संवाद से जुड़ी पहल को अपनाना है।"

पोप ने कहा, “आग की लपटों से घिरे एक ग्रह पर, आप युद्ध के लिए अपनी "नहीं" और शांति के लिए "हाँ" को दोहराने के इरादे से एकत्र हुए हैं, उस मानवता की गवाही देने के लिए जो हमें एकजुट करती है और हमारे संबंधित सांस्कृतिक मतभेदों के पारस्परिक उपहार में हमें भाइयों की पहचान कराती है।”

पोप ने मार्टिन लूथर किंग के एक प्रसिद्ध भाषण को शब्द याद कराया, जहाँ उन्होंने कहा था: "हमने पक्षियों की तरह उड़ना, मछली की तरह तैरना सीख लिया है, लेकिन हमने अभी तक भाइयों की तरह एक साथ रहने की सरल कला नहीं सीखी है।" (मार्टिन लूथर किंग, नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान करने के अवसर पर भाषण, 11 दिसंबर 1964) संत पापा ने मार्टिन लूथर किंग की बात को स्वीकारते हुए प्रतिभागियों को खुद से पूछने को कहा : हम, ठोस रूप से, सह-अस्तित्व की कला को विकसित करने की ओर कैसे लौट सकते हैं जो वास्तव में मानवीय है?

पोप ने फ्रातेल्ली तुत्ती में प्रस्तावित मुख्य दृष्टिकोण “करुणा” पर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित कराते हुए कहा, संत लूकस के सुसमाचार में हम पाते हैं (लूकस 10.25-37),  कि येसु अपने चेलों को एक समारी के बारे में बताते हैं जो करुणा से प्रेरित होकर एक यहूदी के पास जाता है जिसे डाकुओं ने सड़क के किनारे अधमरा छोड़ दिया था। दोनों की संस्कृतियाँ, उनकी कहानियाँ अलग और विरोधाभासी थीं, लेकिन समारी करुणा से निर्देशित होकर घायल यहूदी का भाई बन जाता है। हम कह सकते हैं: वह खुद को उस घायल अजनबी में मौजूद येसु के प्रति आकर्षित होने देता है। जैसा कि एक कवि ने असीसी के संत फ़्रांसिस को अपनी कविता में यह कहलवाया है: "ईश्वर वहीं हैं जहां आपके भाई हैं।"

पोप ने कहा कि वे आज दोपहर में वाटिकन सिटी और रोम में बारह स्थानों पर मिलेंगे, ताकि भाईचारे का एक निवर्तमान आंदोलन उत्पन्न करने के अपने इरादे को व्यक्त किया जा सके। इस संदर्भ में, हाल के महीनों में तैयार की गई कार्य "सारणी" नागर समाज को बंधुत्व के सिद्धांत के आधार पर, अच्छी नीतियां बनाने के लिए, मानव व्यक्ति की गरिमा पर केंद्रित कुछ प्रस्तावों को प्रस्तुत करेगी। संत पापा ने स्वतंत्रता और समानता की पेशकश करने के लिए" (फ्रातेल्ली तुत्ती, 103) उनकी सराहना की और उन्हें अपने काम में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। संत पापा ने कहा, “इससे "मानवता का चार्टर" बनेगा, जिसमें अधिकारों के साथ-साथ व्यवहार और व्यावहारिक कारण भी शामिल हैं जो हमें जीवन में अधिक मानवीय बनाते हैं और मैं आपको हतोत्साहित न होने के लिए आमंत्रित करता हूँ, क्योंकि "दृढ़ और साहसी संवाद झड़पों और संघर्षों जैसी खबरें नहीं बनाता है, फिर भी यह दुनिया को बेहतर ढंग से जीने में मदद करता है, जितना हम सोच सकते हैं उससे कहीं अधिक।" (फ्रातेल्ली तुत्ती, 198)

पोप ने विशेष रूप से, वहाँ उपस्थित प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार विजेताओं के समूह को पिछले साल 10 जून को मानव बंधुत्व पर तैयार की गई घोषणा के लिए और इस वर्ष "मानव के व्याकरण" के पुनर्निर्माण में उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद दिया, जिस पर विकल्पों और व्यवहारों को आधार बनाया जाए।

पोप ने भाईचारे की इस आध्यात्मिकता को बढ़ाने और अपनी कूटनीतिक कार्रवाई से बहुपक्षीय निकायों की भूमिका को बढ़ावा देने का आग्रह किया। आगे संत पापा ने कहा कि युद्ध एक धोखा है, जैसा कि भय के निवारण पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा का विचार है। स्थायी शांति की गारंटी के लिए हमें सामान्य मानवता में खुद को पहचानने और लोगों के जीवन के केंद्र में भाईचारे को रखने की आवश्यकता है। केवल इस तरह से हम मानव परिवार को भविष्य देने में सक्षम सह-अस्तित्व का एक मॉडल विकसित करने में सक्षम होंगे। राजनीतिक शांति के लिए मानव दिलों की शांति की आवश्यकता होती है, ताकि लोग इस विश्वास में मिलें कि जीवन हमेशा मृत्यु के हर रूप पर विजय प्राप्त करता है।

बच्चों के साथ गोलमेज बैठक का जिक्र करते हुए, जिसमें वे आज शाम शामिल होंगे, बैठक के दूसरे मुख्य कार्यक्रम को चिह्नित करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित लोगों को बच्चों से सीखने के लिए आमंत्रित करते हुए अपना संदेश समाप्त किया, "आइए हम उन्हें देखें, आइए हम उनसे सीखें, जैसा कि सुसमाचार हमें सिखाता है।''

"बच्चे: भविष्य की पीढ़ी" विषय पर गोलमेज बैठक शाम 5 बजे न्यू सिनॉड हॉल में होगी।

बैठक रात 9.30 बजे संत पेत्रुस महागिरजाघर के पोर्टिको में एक संगीत कार्यक्रम के साथ समाप्त होगी।