पोप: अच्छे और बुरे दोनों समय में ईश्वर की आशा का संदेश सुनें

वाटिकन राज्य सचिव द्वारा हस्ताक्षरित एक संदेश में, पोप लियो 14वें ने विज्ञान और धर्म पर 12वीं लैटिन अमेरिकी कांग्रेस में शामिल सभी लोगों से ऐसे रास्ते खोजने का आग्रह किया है, जिनसे मानवता "मापने योग्य सभी चीजों से ऊपर उठ सके।"
पोप लियो 14वें ने रोम में स्थित पोंटिफिकल अथेनाएयुम रेजिना अपोस्तोलोरूम के रेक्टर और 10-12 सितंबर को होनेवाले 12वें लैटिन अमेरिकी विज्ञान और धर्म सम्मेलन के आयोजकों और प्रतिभागियों को एक पत्र भेजा।
सम्मेलन का विषय है “सृष्टि की भाषाएँ: ‘प्रकृति की पुस्तक’ की वैज्ञानिक, दार्शनिक और धर्मशास्त्रीय व्याख्याएँ, आशा का एक मार्ग।”
अपने संदेश में, पोप ने सम्मेलन में शामिल सभी लोगों से संत अगुस्टीन का हवाला देते हुए ऐसे रास्ते खोजने का आग्रह किया, जिससे मानवता “मापने योग्य सभी चीजों से ऊपर उठकर, अनन्त की चीजों को देख सके।”
सम्मेलन की विषयवस्तु है “सृष्टि की भाषाएँ: ‘प्रकृति की पुस्तक’ की वैज्ञानिक, दार्शनिक और ईशशास्त्रीय व्याख्याएँ, आशा का एक मार्ग।”
इस तरह, बिना शब्द के भी, ईश्वर के कार्य, अपने सृष्टिकर्ता की महिमा का संदेश देगा। लोगों को 'हर चीज़ से ऊपर उठने' में मदद करने पर ध्यान देकर, पोप ने कहा कि सभी मानव जाति को उम्मीद का यह संदेश "जीवन के सुखद दिनों में ही नहीं, बल्कि दुःख और तकलीफ की अंधेरी रातों में भी" सुनाई देगा।
अपने संदेश को समाप्त करते हुए, पोप ने कुँवारी मरियम का आह्वान किया और प्रार्थना की, "प्रभु अपनी कृपा से आपकी कोशिशों को सफल करे। तथा उन्होंने उन्हें अपना प्रेरित आशीर्वाद दिया।