नेत्रहीन एवं दृष्टिबाधित लोगों से पोप फ्राँसिस

वाटिकन में शुक्रवार को इटली के नेत्रहीन एवं दृष्टिबाधित युवा संगठन के सदस्यों ने पोप फ्राँसिस से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर पोप ने उन्हें जयन्ती वर्ष के आदर्शवाक्य का स्मरण दिलाते हुए कहा कि वे भी आशा के तीर्थयात्री बनें।
वाटिकन सिटी

दृष्टिबाधित युवा संगठन के सदस्यों ने पोप फ्राँसिस से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर सन्त पापा ने उन्हें जयन्ती वर्ष के आदर्शवाक्य का स्मरण दिलाते हुए कहा कि वे भी आशा के तीर्थयात्री बनें।

चलते रहें
पोप ने युवाओं से कहा कि उनकी मंगलकामना है कि वे विश्वास में अनवरत आगे बढ़ते जायें। उन्होंने कहा, "तीर्थयात्री" शब्द हमें पैदल चलने के बारे में चिन्तन का आग्रह करता है, इसलिए मेरी मंगलकामना है कि आप हमेशा चलते रहने वाले लोग बने रहें, हर उम्र में: बच्चे, युवा, वयस्क, बुजुर्ग, हमेशा आगे बढ़ने की इच्छा के साथ, कभी न रुकते हुए चलते रहें।

तीर्थयात्री का लक्ष्य
पोप ने कहा कि तीर्थयात्री का एक लक्ष्य होता है, यह लक्ष्य उसे एक पवित्रस्थल की ओर आकर्षित करता तथा थकान के क्षणों में उसे राहत प्रदान करता है, उसी प्रकार जयन्ती वर्ष के हम तीर्थयात्रियों का लक्ष्य है पवित्र द्वार। यह प्रभु येसु ख्रीस्त एवं उनके मुक्तिरहस्य का प्रतिनिधित्व करता है, जो हमें पाप की गुलामी से मुक्ति दिलाते तथा ईश्वर और पड़ोसी प्रेम करने एवं उनकी सेवा के प्रति स्वतंत्र रूप से नवजीवन में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान करते हैं।

पोप ने युवाओं से कहा कि वे बिना लक्ष्य के नहीं चलें बल्कि जीवन के तीर्थयात्री बनें, अपने मन में येसु से साक्षात्कार की इच्छा रखें, उनके वचनों को सुनने के लिये उत्सुक रहें, जो जीवन को अर्थ देते हैं। उन्होंने कहा कि येसु के शब्द हमें आनन्द, शांति, अच्छाई और कोमलता से भर देते हैं जो अन्य कोई हमें नहीं दे सकता।