कास्तेल गोन्दोल्फो की भेंट की पोप लियो ने

रोम शहर के परिसर में कास्तेल गोन्दोल्फो स्थित विला बारबेरिनी प्रेरितिक प्रासाद में जारी कार्यों का निरीक्षण करने शुक्रवार 3 जुलाई को पोप लियो 14 वें ने कास्तेल गोन्दोल्फो का रुख किया जहाँ आगामी रविवार से वे कुछ समय ग्रीष्मकालीन विश्राम की अवधि व्यतीत करेंगे।  

परमधर्मपीठीय प्रेस द्वारा प्रकाशित विज्ञप्ति के अनुसार, पोप लियो 14 वें रविवार 6 जुलाई को रोम से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कास्तेल गोन्दोल्फो जायेंगे तथा वहाँ 20 जुलाई तक रहेंगे।

कार्यक्रम
विज्ञप्ति के अनुसार, इन 14 दिनों के दौरान, पोप रविवार, 13 जुलाई को प्रातः 10:00 बजे सान तोमासो दा विलानोवा की पोंटिफ़िकल पल्ली में ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। तदोपरान्त, वे प्रेरितिक प्रासाद के सामने वाले पियात्सा देला लिबेर्ता में देवदूत प्रार्थना का पाठ करेंगे।

रविवार, 20 जुलाई को सुबह 9:30 बजे वे आल्बानो के महागिरजाघर में ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे। यह वही महागिरजाघर है जिसके नामधारी महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल प्रीवोस्ट यानि पोप लियो रहे हैं। रविवार 20 जुलाई को ही, अपराह्न 12:00 बजे, पोप लियो पियात्सा देला लिबेर्ता में फिर से देवदूत प्रार्थना का पाठ कर तीर्थयात्रियों को अपना सन्देश देंगे। इसी दिन दूसरे पहर वे पुनः वाटिकन लौट आयेंगे।

मुलाकातें और दर्शन स्थगित
विज्ञप्ति में यह भी खुलासा किया गया कि जुलाई माह के दौरान पोप लियो की सभी निजी मुलाकातें स्थगित रहेंगी तथा आम दर्शन कार्यक्रम बुधवार, 30 जुलाई को ही पुनः आरम्भ होंगे। इसके बाद के दिनों में युवाओं की महान जयंती मनाई जाएगी, जिसमें संत पापा की उपस्थिति अपेक्षित है।   

इससे पहले 29 मई को पोप लियो 14 वें कास्तेल गोन्दोफो गये थे जहाँ उन्होंने बोर्गो लौदातो सी’ का दौरा किया था। यह परियोजना पोप फ्रांसिस द्वारा 2023 में एक सामान्य धाम विषय पर प्रशिक्षण स्थल रूप में बनाई गई थी, जो दिवंगत पोप फ्राँसिस के विश्वपत्र लाओदातो सी के आधार पर “अभिन्न पारिस्थितिकी” का एक उदाहरण है। उस अवसर पर, पोप लियो ने प्रेरितिक प्रासाद का भी दौरा किया था जिसे सन्त पापा फ्रांसिस ने 2016 से आगंतुकों के लिए खुले एक संग्रहालय केंद्र में बदल दिया था।