कतान्ज़ारो के नाईट्स ऑफ माल्टा प्रतिनिधियों को सन्देश
वाटिकन में शुक्रवार को इटली के कतान्ज़ारो स्थित सन्त योहन बपतिस्ता और इवान्जेलिस्ता को समर्पित नाईट्स ऑफ माल्टा धर्मसमाज के सदस्यों ने पोप फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।
नाईट्स ऑफ माल्टा के सदस्यों का स्वागत करते हुए पोप ने कहा कि जयन्ती वर्ष के आरम्भिक काल में उनसे मुलाकात करते वे हर्षित थे इसलिये कि इस वर्ष को हम पुनर्मिलन एवं आशा के समय रूप में मना रहे हैं।
प्रेम करें, सेवा करें और आगे बढ़ें
31 दिसम्बर को मनाये गये माँ मरियम के पर्व की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए पोप ने कहा कि मरियम वे हैं जो "रास्ता दिखाती हैं", और वह रास्ता हैं स्वयं येसु जो मार्ग, सत्य और जीवन हैं। उन्होंने कहा कि मरियम हमारे लिये पैदा हुए उद्धारकर्ता को अपनी बाहों में रखती हैं। यह वह प्रेम की घटना है जिसके साक्षी आप पवित्र यूखारिस्त की आराधना कर और दूसरों की सेवा को समर्पित रहकर करते हैं। अस्तु, सन्त पापा ने कहा कि उनका आग्रह है कि कतान्ज़ारो के नाईट्स ऑफ माल्टा के सदस्य उनके साथ मिलकर तीन क्रियाओं पर संक्षेप में विचार करें, जो हैं: प्रेम करना, सेवा करना और निरन्तर चलते रहना।
प्रभु येसु हमारी शक्ति
पोप ने सदस्यों को आमंत्रित किया कि जयन्ती वर्ष के दौरान वे व्यक्तिगत एवं समुदायिक प्रार्थनाओं में ध्यान लगाकर ईश्वर की आराधना करें, क्योंकि प्रभु ही हमारी शक्ति हैं जो हमारे बीच, भ्रातृत्व एवं प्रेम को बरकरार रखते तथा उसे पोषित होने देते हैं। उन्होंने कहा कि अपने जीवन से हमारा पोषण करनेवाले तथा पवित्रआत्मा के सामर्थ्य से हमारा समर्थन करनेवाले प्रभु येसु ख्रीस्त से ही सारे वरदान, करिश्में और भले फल आते हैं जो कलीसिया को फलदायी और आनंदमय बनाते हैं।
सेवा प्रेम
दूसरी क्रिया पोप ने कहा सेवा करना है। जब-जब आप निर्धनों की मदद करते, जब-जब बीमारें की भेंट करते तब-तब आप प्रभु येसु सी सेवा करते हैं। सन्त पापा ने कहा कि आराधना और सेवा के बीच बहुत गहरा संबंध है, जिसे हमें कभी नहीं भूलना चाहिए। मसीह सेवा करने के लिए दुनिया में आए और आप भी, बेल से जुड़ी शाखाओं की तरह, उनकी दानशीलता को आगे बढ़ाते हैं जब आप करुणा और कोमलता के साथ जरूरतमंदों के करीब रहते हैं। तब ईश्वर के प्रति आपकी भक्ति और अपने भाइयों के प्रति समर्पण की गवाही रास्ते में मिलनेवाले सभी लोगों के लिये एक उज्ज्वल उदाहरण बन जाती है।
तीर्थयात्रा और प्रार्थना
तीसरी क्रिया पोप ने कहा कि चलते रहने की है, जो हमें याद दिलाती है येसु हमारे मार्ग हैं जिसपर हमें हमारी सांसारिक तीर्थयात्रा के दौरान विश्वास की मशाल जलाये रखते हुए, दृढ़तापूर्वक उनका अनुसरण करना है। अन्त में पोप ने कहा, "प्रिय बहनो और भाइयो, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि उदारता के मार्ग पर आशा के साथ चलते रहें, जिस पर प्रभु हमेशा आपका साथ देंगे। मैं आपको और आपके परिवारों को हृदय से आशीर्वाद देता हूं, और कृपया मेरे लिए प्रार्थना करना न भूलें। धन्यवाद।"