एकता में सूत्रबद्ध लोगों के संग रहें, याजकवर्ग से पोप 

सिंगापुर में अपनी प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन, पोप फ्राँसिस ने देश में सेवारत काथलिक धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजी एवं धर्मसंघी पुरुषों और महिलाओं से निजी मुलाकात कर उन्हें एकता के सूत्र में बँधे रहने तथा लोगों के क़रीब जाने का सन्देश दिया।

एकता का आग्रह
लगभग 20 मिनट की यह मुलाकात सेंट फ्रांसिस जेवियर रिट्रीट सेंटर में निजी तौर पर आयोजित की गई थी। वाटिकन स्थित परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय के अनुसार, पोप फ्राँसिस ने पुरोहितों की कुछेक विशेषताओं का उल्लेख किया, जिन्हें "लोगों के बीच, ईश्वर के साथ एकप्राण, आपस में भाई और अपने धर्माध्यक्ष के साथ एकजुट होना चाहिए।"

कलीसिया का मातृत्व  
धर्मसंघी महिलाओं को सम्बोधित करते हुए पोप फ्राँसिस ने उन्हें अपनी पहचान को सदैव ध्यान में रखने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने धर्मबहनों से कहा, "कलीसिया के मातृत्व को व्यक्त करना कदापि न भूलें।" अंत में, याजकवर्ग को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद देने और सामूहिक तस्वीर खिंचवाने से पहले उन्होंने सभी से "मुस्कुराते रहने" का आग्रह किया। इस अवसर पर मलेशिया, सिंगापुर और ब्रुनेई के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के अध्यक्ष भी मौजूद थे।