ईश्वर का प्रेम असीम है, काथलिक एक्शन के युवाओं से पोप
वाटिकन में शुक्रवार को इटली के काथलिक एक्शन समुदाय की युवा शाखा के एक समूह ने ख्रीस्तजयन्ती के उपलक्ष्य में पोप फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।
वाटिकन में शुक्रवार को इटली के काथलिक एक्शन समुदाय की युवा शाखा के एक समूह ने ख्रीस्तजयन्ती के उपलक्ष्य में पोप फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।
काथलिक युवाओं का अभिवादन कर सन्त पापा ने मनुष्यों के प्रति ईश्वर के असीम प्रेम का मर्म समझाते हुए कहा कि प्रभु ईश्वर हमसे किसी चीज़ की अपेक्षा नहीं करते बल्कि बिना किसी बहिष्कार के प्रत्येक को अपना प्रेम और अपनी मुक्ति प्रदान करते हैं।
पोप ने कहा, "आपने इस वर्ष की प्रशिक्षण यात्रा के लिए मार्गदर्शक के रूप में "गहराई तक पहुँचना" विषय को चुना है। यह हमें प्रभु येसु के प्रथम शिष्यों का स्मरण दिलाता है, जो मछुआरे थे और जिन्हें, जैसा कि सन्त लूकस रचित सुसमाचार में बताया गया है, येसु ने "मनुष्यों के मछुआरे" बना दिया था। सन्त पापा ने कहा कि इसी सन्दर्भ में मैं आपके साथ एक पल के लिए "मछली पकड़ना" और "विस्मय" शब्दों पर विचार करना चाहूंगा।
पोप ने कहा कि सर्वप्रथम तो "मनुष्यों के मछुआरे" से तात्पर्य यह कदापि नहीं कि ईश्वर किसी को पकड़ना या बन्द करना चाहते हैं इसलये कि वे मनुष्यों की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, उनसे प्रेम करते तथा उन्हें मुक्ति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि येसु मसीह ने ख़ुद अपने शिष्यों से कहा था, "मेरे पास एक अद्भुत पिता है, जो हर किसी से असीम प्रेम करते हैं, और मैं आप सबको भी उनके प्रेम के बारे में बताना चाहता हूँ ताकि आप सब भी खुश रह सकें!"
क्रिसमस का आश्चर्य
पोप ने कहा कि इस प्रकार प्रभु येसु "मनुष्यों के मछुआरे" के रूप में कार्य करते और उन्हें अपने प्रेम के आनंद और आश्चर्य से संक्रमित करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रभु का प्रेम हमें दूसरे बिंदु पर लाता है, जो है विस्मय। इस अर्थ में, उन्होंने कहा, "क्रिसमस वास्तव में आश्चर्य का एक विशेष क्षण है, जब सड़कें रोशनी से भर जाती हैं, उपहारों का आदान-प्रदान होता है, आराधना-अर्चना, भक्ति गीतों और सुंदर ध्वनियों से सारा वातावरण समृद्ध हो उठता है।"
गऊशाले में येसु जन्म के दृश्य पर ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा ने कहा, चरनी में लेटे प्रभु का दृश्य कितना आश्चर्यजनक है। चरवाहे, तीन राजा और अन्य पात्र अपने आश्चर्यचकित चेहरों के साथ गऊशाले की गुफा को चारों ओर से घेर लेते हैं, जिसमें पशुओं सहित पूरा परिदृश्य भी शामिल हो जाता है, मानो कोई महान उत्सव मना रहा हो। तथापि, सन्त पापा ने कहा कि ध्यान रखा जाये क्योंकि यह आश्चर्य केवल क्रिसमस का नहीं है, जबकि वास्तव में, हमारा पूरा जीवन एक असाधारण उपहार है: हम में से प्रत्येक अद्वितीय है और हमारा हर दिन एक विशेष दिन है।
युवाओं को उन्होंने आमंत्रित किया कि वे चकित होना सीखें, किसी भी चीज़ को हल्के में न लें, विशेषकर ईश्वर के प्रेम को और जिनसे हम मिलते हैं उनके प्रेम को न भूलें क्योंकि सिर्फ इसी प्रकार हम घर-घर में, देश-देश में तथा सम्पूर्ण विश्व में आनन्द, विश्वास और सांत्वना का प्रसार करने में सक्षम बन सकेंगे।