पोप ने युवा पुरोहितों से मुलाकात की, कहा : “अच्छा काम करने से न थकेंं"

पोप फ्राँसिस ने अपने धर्मप्रांत (रोम) के पुरोहितों से मुलाकात की श्रृंखला जारी रखते हुए, नये पुरोहितों से मुलाकात की और उनसे प्रेरिताई संबंधी मुद्दों पर बातचीत की।

रोम के पुरोहितों के साथ पोप की यह दूसरी मुलाकात है, इससे पहले वे 14 मई को बुजूर्ग पुरोहितों से मिले थे जिन्होंने 40 से अधिक वर्षों तक धर्मप्रांत में अपनी सेवा दी हैं।

29 मई को संत पापा ने ऐसे पुरोहितों से मुलाकात की जिनका पुरोहित अभिषेक 10 साल से कम है। मुलाकात की मेजबानी दिव्य गुरू के धर्मनिष्ठ शिष्य की धर्मबहनों ने की। जिन्होंने पोप का स्नेहपूर्ण स्वागत किया।

उसके बाद पोप और पुरोहितों की मुलाकात एक बंद कमरे में हुई, जहाँ उन्होंने बैठक की शुरूआत संत पापा पॉल छठवें द्वारा लिखी प्रार्थना से शुरू करते हुए प्रेरिताई से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।  

धर्मबहनों का स्वागत
पोप ने पांच धर्मबहनों से तुरन्त बातचीत शुरू की, जिनमें इतालवी और विदेशी दोनों प्रकार की धर्मबहनें थीं। संत पापा ने कहा, “धन्यवाद, धन्यवाद! आप लोगों की कितनी नवशिष्याएँ हैं?”

इस बातचीत को सुनना मुश्किल था क्योंकि सफेद कैसक को देखते ही अंदर से जोरदार तालियाँ बजने लगी थीं।

सभी धर्मबहनें, समुदाय के बुजुर्ग सदस्यों को अगली पंक्ति में रखते हुए, जिनमें से कई व्हीलचेयर पर थीं, पोप का स्वागत करने के लिए तैयार होकर पंक्तियों में खड़ी थीं।
अभिवादन और उपहार
संत पापा ने उपस्थित सभी लोगों से हाथ मिलाया, फिर एक बच्चे ने (गेट के बाहर खड़े लोगों के बीच से) पोप को एक श्वेत बैलून दिया, संत पापा ने उसे आशीष और कुछ मिठाइयाँ भी दीं।  

उसके बाद पोप ने धर्मबहनों को भी मिठाई दी। धर्मबहनों के बीच में से एक ने जोर से कहा, “संत पापा आज मैं 84 साल की हो गई हूँ। क्या आप मुझे आशीष दे सकते हैं?”

पोप ने अपना हाथ उस बुजूर्ग धर्मबहन के सिर पर रखा, जिसने उनके हाथ पकड़ते हुए उनके कान में कुछ फुसफुसाया।
धर्मबहनों ने संत पापा को एक चासुबल और एक किताब भेंट की जिन्होंने फरवरी को अपने धर्मसमाज की शतवर्षीय जयन्ती मनायी।

पुरोहितों से बातचीत
दिव्य गुरु येसु को समर्पित प्रार्थनालय में प्रवेश करते हुए, युवा पुरोहितों ने संत पापा का स्वागत किया (जोरदार तालियों के साथ)। पोप ने चैपल में मौजूद बड़े समूह की ओर देखते हुए कहा, "आपके शब्दों के लिए धन्यवाद, मैं आपका अभिवादन और अपना आशीर्वाद देता हूँ। अच्छा काम करने से थकिए मत!"

उपयाजक, पुरोहित और धर्मसमाजियों की देखभाल के लिए नियुक्त प्रतिनिधि धर्माध्यक्ष मिशेल डी टोलवे, ने बतलाया कि कई पुरोहितों का अभिषेक 2024 में कुछ ही दिनों पहले हुआ है। पोप फ्राँसिस ने प्रार्थना और दिन के सुसमाचार के पाठ के साथ बैठक की शुरुआत की।

बंद दरवाजे के अंदर हुई मुलाकात में सवाल-जवाब हुए जो मुख्य रूप से प्रेरिताई के मुद्दों से संबंधित थे।

अपने धर्मप्रांत में मुलाकात
आज की बैठक पोप के धर्मप्रांत के याजक वर्ग के साथ दूसरी बैठक है।

सितंबर 2023 से मई की शुरुआत तक, उन्होंने रोम के विभिन्न प्रान्तों का दौरा किया है, जहाँ उन्होंने पल्ली पुरोहितों और प्रीफेक्ट्स से मुलाकात की और उनसे उनके काम की चुनौतियों, कठिनाइयों, सुंदरता और संतुष्टि के बारे में सुना।
यह सब एक ऐसे धर्मप्रांत में हुआ, जिसको अर्जेंटीना के पोप ने अक्सर एक "मिशन क्षेत्र" कहा है।