14 अगस्त: शांति के लिए उपवास और प्रार्थना दिवस

सुपीरियर जेनेरल्स के अंतरराष्ट्रीय संघ (यूआईएसजी) ने माता मरियम के स्वर्गोदग्रहण के पूर्व 14 अगस्त को पूरे विश्व में शांति के लिए उपवास एवं प्रार्थना दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है।
जब युद्ध दुनियाभर में कितने सारे लोगों को प्रभावित कर रहा है - गज़ा से लेकर सूडान तक, यूक्रेन से लेकर म्यांमार तक, हैती से लेकर कांगो गणराज्य और सीरिया तक - इसलिए धर्मसंघों की परमाधिकारिणियों के संघ (यूआईएसजी) ने 14 अगस्त को, माता मरियम के स्वर्गोदग्रहण पर्व की पूर्व संध्या पर, शांति के लिए विश्वव्यापी उपवास और प्रार्थना दिवस मनाने की तत्काल अपील की है।
यूआईएसजी की धर्मबहनों ने एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा, "शांति की महिलाओं के रूप में, जो दुनिया के हाशिये पर मौजूद हैं और मानवता की पीड़ा में शामिल हैं, हमें अपनी आवाज़ उठाने, अपने दिलों को एकजुट करने, प्रार्थना करने और कार्रवाई करने की तत्काल आवश्यकता महसूस होती है।"
युद्ध, विस्थापन और अन्याय से उत्पन्न वैश्विक पीड़ा के लिए प्रार्थना और एकजुटता की सशक्त प्रतिक्रिया में भाग लेने के लिए, धर्मसंघों और सद्भावना रखनेवाले सभी लोगों को आमंत्रित किया गया है।
यूआईएसजी के वक्तव्य में कहा गया है, "कई जगहों पर, चेहरे दर्द से भरे हैं, घर तबाह हो रहे हैं, समुदाय बिखर रहे हैं।" इसमें यह भी कहा गया है कि "अक्सर महिलाएँ और बच्चे सबसे ज़्यादा पीड़ित होते हैं।"
इस दिन के लिए दिशानिर्देश :
- वर्तमान युद्धों और मानवीय संकटों के आलोक में, एक साथ प्रार्थना करें और ईश्वर के वचन पर चिंतन करें।
- न्याय और मेल-मिलाप का आह्वान करें, नागरिक और कलीसियाई अधिकारियों से शांति, निरस्त्रीकरण और मानवाधिकारों की सुरक्षा के मार्ग पर चलने का आग्रह करें।
- स्वागत और मानवीय सहायता के माध्यम से पीड़ित लोगों का समर्थन करके ठोस एकजुटता में भाग लें।
अपील में कहा गया है, "हम इंतज़ार नहीं कर सकते। शांति का निर्माण होना चाहिए—और इसे मिलकर बनाया जाना चाहिए।"
हिंसा से ग्रस्त इस दुनिया में, यूआईएसजी का मानना है कि सुसमाचार, न्याय और बंधुत्व का प्रकाश अभी भी चमक सकता है।
संसाधनों और भागीदारी संबंधी विवरणों के लिए, यूआईएसजी ने ऑनलाइन सामग्री उपलब्ध कराई है, जिसमें एक प्रार्थना और एकजुटता के वक्तव्य शामिल हैं।