“घातक स्वायत्त हथियारों” पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान
जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय अन्तरराष्ट्रीय एजेन्सियों में परमधर्मंपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक वाटिकन के दूत महाधर्माध्यक्ष एत्तोरे बालेस्त्रेरो ने विभिन्न राष्ट्रों के विशेषज्ञों के समक्ष इस बात की पुनरावृत्ति की कि एआई-संचालित अर्थात् कृत्रिम बुद्धिमत्ता द्वारा संचालित हथियारों को "कभी भी किसी इंसान की जान लेने का विकल्प नहीं चुनना चाहिए"।
स्विटज़रलैण्ड के जिनिवा शहर में 26 से 30 अगस्त तक घातक स्वायत्त हथियार प्रणालियों के क्षेत्र में उभरती प्रौद्योगिकियों पर सम्पन्न विशेषज्ञों की सभा में परमधर्मपीठीय पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष बालेस्त्रेरो ने कहा कि एक "ठोस कानूनी रूप से बाध्यकारी उपकरण" प्रदान करना "अत्यधिक तात्कालिकता" है जो तथाकथित "घातक स्वायत्त हथियारों" के उपयोग को प्रतिबंधित कर सके तथा "उनके विकास पर तत्काल रोक स्थापित कर सके"।
परिष्कृत हथियार और नैतिक मूल्य
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विषय पर, 14 जून को इटली में जी 7 देशों के नेताओं को दिये सन्त पापा फ्राँसिस के प्रभाषण का हवाला देते हुए, महाधर्माध्यक्ष बालेस्त्रेरो ने याद किया कि सन्त पापा ने उनसे "तथाकथित 'घातक स्वायत्त हथियार' जैसे उपकरणों के विकास पर पुनर्विचार करने तथा इसके उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह कर कहा था कि ''किसी भी मशीन को कभी भी किसी इंसान की जान लेने का विकल्प नहीं चुनना चाहिए।" हालाँकि, महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर गहन चिन्ता व्यक्त की कि आज युद्धक्षेत्र "तेजी से परिष्कृत हथियारों के परीक्षण का मैदान भी बनते जा रहे हैं"।
महाधर्माध्यक्ष बालेस्त्रेरो ने कहा कि परमधर्मपीठ, "स्वायत्त हथियार प्रणालियों के संभावित कार्यों और तकनीकी पहलुओं के विश्लेषण के लिए" विशेषज्ञों के समूह के दृष्टिकोण को मंजूरी देती है और उसका समर्थन करती है, क्योंकि व्यापक नैतिक विचारों को ध्यान में रखते हुए "अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून और अन्य मौजूदा अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के साथ असंगत प्रणालियों की पहचान करना, निषेध और प्रतिबंध स्थापित करने में बहुत उपयोगी हो सकता है।"
परमधर्मपीठीय स्थायी पर्यवेक्षक ने स्पष्ट किया, "स्वायत्त हथियार प्रणालियों को नैतिक रूप से जिम्मेदार संस्था नहीं माना जा सकता है"। वास्तव में, तर्क-शक्ति से संपन्न मानव व्यक्ति के पास "नैतिक निर्णय लेने की एक अद्वितीय क्षमता होती है जिसे एल्गोरिदम के किसी भी सेट द्वारा दोहराया नहीं जा सकता, चाहे वह कितना भी जटिल क्यों न हो"।
इस प्रकार, उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठीय प्रतिनिधिमंडल सत्र की बहस के आधार के रूप में तैयार किए गए "पाठ" में "उचित नियंत्रण" और "मानवीय निर्णय" दोनों के संदर्भ की सराहना करता है, हालांकि वह "अधिक स्पष्टता, पारदर्शिता और इन शब्दों की एक सामान्य समझ" की मांग करता है।
सामान्य हित के लिये
तकनीकी प्रगति का लक्ष्य आम लोगों की भलाई होना चाहिये इस तथ्य को रेखांकित कर महाधर्माध्यक्ष बालेस्त्रेरो ने कहा कि "एक हथियार के रूप में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग से उत्पन्न नैतिक चिंताओं के बारे में जागरूकता" दुनिया भर में बढ़ रही है। यह "चौराहे पर मानवता: स्वायत्त हथियार प्रणाली और विनियमन की चुनौती" विषय पर हाल ही में, 29 और 30 अप्रैल 2024 को, वियना में आयोजित सम्मेलन में नैतिक विचारों को सौंपी गई अग्रणी भूमिका से भी प्रदर्शित होता है। अस्तु, उन्होंने कहा, "तेजी से परिष्कृत हथियारों का विकास निश्चित रूप से वर्तमान चुनौतियों एवं समस्याओं का समाधान नहीं है।"
सन्त पापा फ्राँसिस के विश्व पत्र लाओदातो सी को उद्धृत कर महाधर्माध्यक्ष ने कहा, वर्तमान तकनीकी प्रगति से मानवता जो लाभ प्राप्त कर सकेगी, वह इस बात पर निर्भर करेगा कि तकनीकी प्रगति किस हद तक ज़िम्मेदारी और मूल्यों के पर्याप्त विकास के साथ स्वतः को अभिन्न मानव विकास और सामान्य भलाई की सेवा में रखती है।