संत मरिया मेजर का पवित्र द्वार खुला
संत मरिया मेजर का पवित्र द्वार खोल दिया गया है, जो जयंती वर्ष 2025 की शुरूआत का प्रतीक है, कार्डिनल रोलांडस मकरिकास ने तीर्थयात्रियों को मरिया मेजर मरियम के मातृत्वमय मार्गदर्शन में विश्वास के साथ यात्रा करने हेतु आमंत्रित किया है।
रोम के मरियम तीर्थ मरिया मेजर महागिरजाघर के पवित्र द्वार को आधिकारिक रूप से 01 जनवरी को कर्डिनल रोलांडस मकरिकास ने खोला।
पवित्र द्वारा खोले जाने की यूखारिस्तीय धर्मविधि के दौरान नये कार्डिनल मकरिकास ने पवित्र द्वार की अध्यात्मिकता और ईश्वर की पवित्र माँ, माता मरियम के संग इसके गहरे संबंध पर चिंतन किया। “हमारी यात्रा, एस्कीलीन पहाड़ी की चोटी में प्राचीन घंटी के बजाये जाने से आज शुरू होती है। इस घंटी ने सदियों से असंख्य तीर्थयात्रियों का दिशा-निर्देशन किया है, जो आशा और प्रार्थना हेतु निमंत्रण की एक निशानी है।”
मरियमः एक ज्योति
कार्डिनल मकरिकास ने मानवता के लिए माता मरियम को एक ज्योति स्वरुप चिंतन करने का आहृवान किया। प्रेरित संत पौलुस के शब्दों को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा, “समय पूरा होने पर ईश्वर ने अपने पुत्र को भेजा, जो एक नारी से पैदा हुए” इस संदर्भ में उन्होंने मरियम को पूर्णता का प्रतीक घोषित किया। उन्होंने कहा, “वे ईश्वर द्वारा चुनी गई एक मार्ग की भांति हैं।” उसके माध्यम से, अनंत काल और इतिहास एक हो जाते हैं। वे निष्कलंक माता हैं जो ईश्वर के अनंतत को हमारे सीमित जीवन में लाती हैं।” महागिरजाघर में मरियम का प्रतीक, सालुस पोपुली रोमानी पर चिंतन करते हुए, कार्डिनल ने कहा, “ जहाँ माता मरियम हाजिर हैं,वहाँ उथल-पुथल नहीं होती, डर की जीत नहीं होती है।” उनका मातृत्वमय हाथ हमारे जीवन को सहलाता है, उनके लबादे हमें ढ़क लेते हैं, उसी भांति जैसे की वे चरनी में बालक येसु को सुरक्षा प्रदान करती है।”
नवीनता की यात्रा
कार्डिनल मकरिकास ने विश्वासियों को पवित्र पालने के अवशेष की भी याद दिलाई गई, जो महागिरजाघर के भीतर ही स्थित है। उन्होंने कहा,“ हमारा समय उस पालने से निर्धारित होता है। ख्रीस्तीयता के पहले तीर्थयात्री - चरवाहे - मुक्तिदाता से मिलने के लिए बेथलेहम के खेतों से निकले थे। आज, हम भी ऐसा ही करते हैं।” कई लोगों के लिए, जयंती की यात्रा केवल एक भौतिक तीर्थयात्रा नहीं बल्कि एक गहन आध्यात्मिक यात्रा है। कार्डिनल मकरिकास ने कहा, "यह महागिरजाघर, जिसे अक्सर 'पश्चिम का बेथलेहम' कहा जाता है, रोम के केंद्र में स्थित है, जो हमें बेथलेहम के तारे की तरह मार्गदर्शन करता है।” “यह हमें याद दिलाता है कि हमारा विश्वास, तारे की तरह है, जो येसु मसीह की ओर इशारा करता है, जो दुनिया की सच्ची ज्योति हैं।
आशा के तीर्थयात्री
अपने प्रवचन के अंत में कार्डिनल मकरिकास ने संत पापा फ्रांसिस के शब्दों की ओर ध्यान इंगित करते हुए कहा, “आइए हम अपने जीवन और अपने समय को ईश्वर की माता मरियम को अर्पित करें, जिससे वे हमें येसु की ओर ले चलें, जो सभी समयों की पूर्णतः हैं।”
कार्डिनल ने जोर देकर कहा कि जयंती वर्ष कृपा का समय है, उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों से आग्रह किया कि वे इस भावना को अपनायें। “आशा के इस मार्ग से कोई भी अलग नहीं किया जा सकता है। हमारी माता, मरियम हम सभी के साथ हैं। वे बिना किसी भेदभाव के हम सभों से प्रेम करती हैं और हमेशा हमें अपने बेटे की ओर चलती हैं।”