विश्वास और वास्तुकला का समिश्रण इंडोनेशिय़ा का गिरजाघऱ
प्राकृतिक परिदृश्य के साथ एक अनूठा एकीकरण में इंडोनेशिय़ा का फ़मिलिया गिरजाघर अपनी शिल्पकारिता और विशिष्टिता के कारण सभों का ध्यान खींचा है।
इंडोनेशिया की काथलिक कलीसिया ने दक्षिण सुलावेसी के तोराजा में सैंक्ता फमिलिया चर्च का उद्घाटन किया है, जिसमें एक चट्टानी कार्स्ट पहाड़ी में एकीकृत एक वेदी बना है।
सापाक बायोबायो, सांगला, ताना तोराजा प्रांत में स्थित, सैंक्ता फ़मिलिया गिरजाघर ने समुदाय को अपनी शिल्पकारिता और विशिष्टिता के कारण सभों का ध्यान खींचा है। गिरजाघऱ में प्राकृतिक परिदृश्य के साथ एक अनूठा एकीकरण है। गिरजाघर के अंदर मसीह के शव का चित्रण येसु को उनकी मृत्यु से पहले की दशा में प्रस्तुत करता है।
सापाक बायोबायो में होली फ़ैमिली तीर्थयात्रा केन्द्र के सीईओ माइकल एंडिन ने इसके निर्माण शैली के बारे में बताया। उन्होंने 29 दिसंबर, 2024 को आयोजित यूख्रारिस्तीय बलिदान के दौरान लीकास समाचार को बताया, “शरीर उस गंभीर स्थिति को दर्शाता है जब येसु अपनी प्राण पीड़ा के दौरान भावनात्मक रूप में पिता से अपने दुःखों को दूर करने हेतु याचना कर रहे थे, इसके साथ ही अपनी माता से अपने मनोबल बढ़ाने हेतु सहायता भी मांग कर रहे थे।”
इस समारोह का आयोजन जकार्ता के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल इग्नासियुस सुहारियो, मकास्सर के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष जोन लिकु अदा और मकास्सर के महाधर्माध्यक्ष फ्रैंस निपा ने किया। गिरजाघर के निर्माण का मानचित्र आर्किटेक्ट इर. आंद्रे हदीसुबियाक्टो ने किया है जो पूर्वी जावा के सुरबाया से हैं। परियोजना प्रबंधन मकास्सर के रॉबी एल. पंगलवेई ने लीकास समाचार को बताया, “इस परियोजना की देखरेख के लिए इस तार्थस्थल के प्रबंधन से मुझे भरोसा मिलना मुझे गौरवान्वित कर रहा है।”
राष्ट्रीय काथलिक प्रोफेशनल्स एंड बिजनेस पीपल के अध्यक्ष जूलियस जुनस टेडजा ने गिरजाघर कार्य पूरा होने का श्रेय विभिन्न व्यक्तियों और समूहों के समर्थन को दिया। टेडजा ने कहा, “इसमें राष्ट्रीय और मकास्सर-आधारित काथलिक प्रोफेशनल्स और बिजनेस पीपल समुदाय के कई लोग शामिल हैं।”
इस उद्घांटन समारोह मकास्सर और जकार्ता सहित विभिन्न स्थानों के कई धार्मिक नेता और विश्वास समुदाय के उपस्थित थे। बंटेन प्रांत के सर्पोंग से प्रहस्तंतो अपने परिवार के साथ उपस्थित हुए और उन्होंने इस आयोजन को अर्थपूर्ण बताया। उन्होंने लीकस समाचार से कहा, "तोराजा में इस तरह के आध्यात्मिक और सामुदायिक आयोजन को देखना हमारे लिए एक विशेष क्षण है।”