म्यानमार महाधर्माध्यक्ष ने कहा त्रासदी ने आशा को मन्द नहीं किया

म्यानमार में मंडलय के महाधर्माध्यक्ष मार्को टिन विन ने 28 मार्च के भूकम्प के बाद मची तबाही के बारे में वाटिकन की सुसमाचार प्रचार सम्बन्धी प्रेस एजेन्सी "फादेस" से बातचीत में कहा कि इतनी बड़ी त्रासदी के बाद भी म्यानमार के लोगों में आशा की कमी नहीं आई है इसलिये कि येसु ख्रीस्त के पुनःरुत्थान में उनका अटल विश्वास है।  

ईश्वर में आशा
महाधर्माध्यक्ष मार्को टिन विन ने कहा, "पीड़ा पहले से कहीं ज़्यादा बढ़ गई है, फिर भी हमारे लोग ईश्वर की दया और उनके प्रेम की निश्चितता में आशा रखते हैं।" उन्होंने कहा कि हाल की त्रासदी ईश्वर की ओर से एक ऐसा संदेश है जो हमारी मानवीय बुद्धि और समझ से परे है। हमारा एकमात्र तरीका है कि हम खुद को उनके दयालु प्रेम के हवाले कर दें और ईश्वर की मुक्तियोजना में अपनी आशा की पुष्टि करें।"

मंडलय के महाधर्माध्यक्ष ने बताया कि 28 मार्च के भयंकर भूकंप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र में बिजली और टेलीफोन कनेक्शन रुक-रुक कर काम कर रहे हैं, क्योंकि बुनियादी ढांचे को बहुत नुकसान पहुंचा है।

तत्काल कार्रवाई
म्यानमार की स्थानीय स्थिति और मंडलय के लगभग 20 हजार काथलिकों की भावना का अवलोकन करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने बताया हज़ारों लोग विस्थापित हो गए हैं। महाधर्माध्यक्ष  स्वयं, महाधर्मप्रान्त के क्यूरिया के पुरोहितों के साथ मिलकर बेघर लोगों के भाग्य को साझा कर रहे हैं, इसलिये कि महागिरजाघर और महाधर्माध्यक्षीय निवास को भी भारी क्षति पहुँची है। उन्होंने बताया कि हज़ारों लोगों को सुरक्षा कारणों से सड़कों पर रातें बितानी पड़ रही है, लोग अभी भी सदमे में हैं और भयभीत हैं।

महाधर्माध्यक्ष टिन विन के अनुसार भूकम्प के कुछ ही घंटों बाद, विश्वव्यापी काथलिक उदारता संगठन कारितास ने तत्काल प्रतिक्रिया दर्शाई, जैसे ही भूकंप आया कारितास के कार्यकर्त्ताओं ने कॉन्वेंटों और गुरुकुलों को चेतावनी दी और बचाया। उन्होंने कहा, "हमने सुनिश्चित किया कि किसी को चोट न पहुंचे। हमने भयभीत बच्चों और सड़कों पर छोड़े गए कुछ लोगों को सांत्वना दी और उन्हें गिरजाघरों के परिसरों में शरण प्रदान की। अपने सीमित संसाधनों के साथ हम उनके साथ पानी, भोजन और आश्रय को साझा कर रहे हैं।"

ईश्वर में आस्था
महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि इस त्रासदी ने हमारे विश्वास को खत्म नहीं किया है, इसके विपरीत, इसने निरंतर प्रार्थना की प्रेरणा उत्पन्न की है, जबकि युद्ध, भूकंप, शोक के बीच, "हम दर्द की ऊंचाई पर हैं"। उन्होंने कहा, "इस भयंकर अराजकता में भी, कोई भी व्यक्ति घटनाओं की दया पर निर्भर नहीं है: हम एक साथ कष्ट सहते हैं, एक दूसरे को सांत्वना देते हैं और एक साथ प्रार्थना करते हैं, क्योंकि प्रभु हमसे कहते हैं: मैं तुम्हारे साथ रहूंगा।"  

उन्होंने आगे कहा, "आपदा लोगों को जातीयता, आस्था, सामाजिक वर्ग के भेदभाव के बिना एकजुट करती है।"

स्थिति का वर्णन करते हुए महाधर्माध्यक्ष टिन विन ने बताया कि भूकंप का केंद्र, मंडलय और सागाइंग शहरों के बीच, मंडलय महाधर्मप्रान्त में है और कई नगर पालिकाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि अकेले हमारे मंडलय क्षेत्र में एक हज़ार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, 2,200 से अधिक घायल हुए हैं और 200 लापता हैं।"

ग़ौरतलब है कि 28 मार्च को म्यानमार में आये भूकम्प में मरनेवालों की संख्या तीन हज़ार पार कर गई है।