भारत में ईसाई विरोधी हिंसा पर बातचीत का आग्रह किया वाटिकन ने

वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पॉल रिचर्ड गालाघार ने ईसाइयों के खिलाफ बढ़ते हमलों को द्विपक्षीय चर्चा का विषय बनाने के आह्वान के बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की।

गालाघार जयशंकर मुलाकात
भारत की एक साप्ताहिक यात्रा पर गये महाधर्माध्यक्ष गालाघार ने 17 जुलाई को नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की।

मंत्री जयशंकर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि वे वाटिकन के अधिकारी से मिलकर "खुश" हुए। पोस्ट में कहा गया, "यह आस्था के महत्व और संघर्षों को सुलझाने के लिए संवाद और कूटनीति की आवश्यकता पर एक अच्छी बातचीत थी।"

भारत और वाटिकन के विदेश सचिवों द्वारा चर्चित मुद्दों पर न तो वाटिकन ने और न ही भारत ने कोई सार्वजनिक बयान जारी किया। भारत के कलीसियाई अधिकारियों ने भी जयशंकर द्वारा अपने पोस्ट में उल्लिखित "संघर्षों" पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, एक विश्वव्यापी ईसाई समूह द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में महाधर्माध्यक्ष गालाघार से भारतीय अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता में ईसाइयों के विरुद्ध बढ़ते हिंदू हमलों का मुद्दा उठाने के लिए कहा गया था।

ज्ञापन
यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम (यूसीएफ) द्वारा गालाघार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि ईसाइयों के खिलाफ हिंसा को "भारत के साथ द्विपक्षीय मानवाधिकार वार्ता में उठाया जाना चाहिए, विशेष रूप से धार्मिक अल्पसंख्यकों पर धर्मांतरण विरोधी कानूनों के लक्षित उपयोग पर प्रकाश डाला जाना चाहिए।"

ज्ञापन में कहा गया कि वाटिकन की भागीदारी केवल संघीय सरकार तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें राज्य सरकारें भी शामिल होनी चाहिए जो धर्मांतरण विरोधी कानूनों को "आक्रामक रूप से लागू" करती हैं।

दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनिल जोसेफ कूटो ने 17 जुलाई को नई दिल्ली स्थित वाटिकन के परमधर्मपीठीय राजदूतावास में गालाघार के साथ एक बैठक के दौरान समूह की ओर से यह ज्ञापन प्रस्तुत किया। ज्ञापन में मांग की गई कि वाटिकन भारत में ईसाइयों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और व्यवस्थागत भेदभाव की निंदा करते हुए आधिकारिक बयान जारी करे।

ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि वाटिकन धर्मांतरण विरोधी कानूनों के तहत मुकदमों में "न्यायिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने" के लिए कदम उठाए और ज़मीनी हकीकत का आकलन करने के लिए, खासकर उन राज्यों में जहां बार-बार हिंसा हो रही है, "निगरानी और तथ्य-खोज मिशन" स्थापित करे।

ईसाई नेताओं का आरोप
ईसाई नेताओं का कहना है कि 2014 के बाद से ईसाइयों पर हमले बढ़ गए हैं, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार सत्ता में आए और उनकी हिंदू-झुकाव वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भारी जीत मिली। उनका आरोप है कि भाजपा और उसका समर्थन करने वाले हिंदू समूहों ने इस राजनीतिक जीत को एक जनादेश के रूप में लेकर भारत को हिंदू आधिपत्य वाले राष्ट्र में बदलने तथा ईसाइयों और मुसलमानों जैसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को खत्म करने के अपने लक्ष्य को आगे बढ़ाया है।