फिलीपींस के प्रथम अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल पर ख्रीस्तयाग
सुसमाचार प्रचार हेतु गठित परमधर्मपीठीय विभाग के प्रो प्रीफेक्ट महाधर्माध्यक्ष रिनो पिसिकेल्ला ने फिलीपींस में शांति और शुभ यात्रा को समर्पित महागिरजाघर में धन्यवादी मिस्सा अर्पित किया, जिसे हाल में अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल घोषित किया गया है।
फिलीपींस के अंतीपोलो शहर में शांति और शुभयात्रा की माता मरियम को समर्पित महागिरजाघर को अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल घोषित किये जाने के उपलक्ष्य में वाटिकन के सुसमाचार प्रचार विभाग के प्रो प्रीफेक्ट ने सोमवार को धन्यवादी ख्रीस्तयाग अर्पित किया।
"धन्यवादी मिस्सा" 23 से 25 फरवरी को त्रिद्यूम के साथ एंटीपोलो धर्मप्रांत में संपन्न किया गया। महागिरजाघर में माता मरिया की काली प्रतिमा स्थापित है और सालाना लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करती है, खासकर मई से जुलाई के महीने तीर्थयात्रियों का मौसम बन जाता है।
मूल गिरजाघर 17वीं शताब्दी में बनाया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों द्वारा नष्ट कर दिया गया था क्योंकि उन्होंने इस क्षेत्र को जापानियों से मुक्त कराया था। युद्ध के बाद इसका पुनर्निर्माण किया गया और 1954 में फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (सीबीसीपी) ने गिरजाघर को शांति और शुभयात्रा की हमारी माता मरियम का राष्ट्रीय तीर्थस्थल घोषित किया, जिससे यह फिलीपींस और दक्षिण पूर्व एशिया में पहला राष्ट्रीय तीर्थ बन गया।
फिलीपींस के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की एक याचिका का समर्थन करते हुए, मार्च 2023 को संत पापा फ्राँसिस ने एक अज्ञप्ति जारी कर महागिरजाघर को अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल का दर्जा प्रदान किया। इस तरह यह देश का पहला अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल बन गया। यह दुनिया में ग्यारहवाँ और एशिया में तीसरा अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल भी है।
तीर्थस्थल की औपचारिक घोषणा 26 जनवरी को फिलीपींस के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष चार्ल्स जॉन ब्राउन ने की, जिसमें कुल 80 धर्माध्यक्ष और दो वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी शामिल हुए थे।
अपने उपदेश में महाधर्माध्यक्ष फिसिकेल्ला ने कहा कि तीर्थस्थल का मिशन है आध्यात्मिक रूप से सभी ख्रीस्तीयों को एकत्रित करना जो विश्व के विभिन्न हिस्सों में बिखर गये हैं एवं सभी का स्वागत करना “विशेषकर, जो सबसे गरीब हैं और जिन्हें सांत्वना और शांति की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, "एक अंतरराष्ट्रीय तीर्थस्थल होना सिर्फ एक विशेषाधिकार नहीं है जो दिया जाता है, बल्कि एक मिशन है जिसे साझा किया जाना चाहिए।"