पोप : कार्डिनल अमातो सुसमाचार के “उदार सेवक”

पोप फ्रांसिस ने सलेशियन कार्डिनल आजेलो अमातो के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके “पुरोहितिक प्रेरिताई” और “ईशशास्त्रीय तैयारी” का स्मरण किया जिसके साथ उन्होंने सुसमाचार और कलीसिया की सेवा में अपने जीवन को समर्पित किया।

पोप फ्रांसिस ने कार्डिलन अंजेलो अमातो के निधन पर शोक तार संदेश प्रेषित करते हुए उनकी पुरोहिताई और ईशशास्त्रीय तैयारी की याद की जिसके द्वारा उन्होंने निष्ठा में काथलिक कलीसिया की सेवा की।

पोप फ्रांसिस ने लिखा, "उन्होंने सुसमाचार और कलीसिया के लिए मानवीय उत्कृष्टता और उदारता में खुद को समर्पित कर दिया,”  अपने इन शब्दों के द्वारा संत पापा फ्रांसिस उनके जीवन के लिए और उनके द्वारा किये गये कार्यों के लिए ईश्वर के प्रति कृतज्ञता के भाव प्रकट किये। 

एक नेक और सतर्क सेवा
कार्डिनल अंजेली अमातों ए.डी.बी. का निधन 31 दिसम्बर को 86 वर्ष की आयु में हो गई। अपने पुरोहिताभिषेक 1967 के बाद उन्होंने सलेशियन धर्मसमाज में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएँ दी। संत पापा योहन पौल द्वितीय ने 2002 में, उन्हें विश्वास और आस्था के सिद्धांत परमधर्मपीठीय समिति का सचिव नियुक्त किया था। वहीं बाद में संत पापा बेनेदिक्त 16वें ने उन्हें संत प्रकरण हेतु गठित परमधर्मपीठीय़ समिति का अध्यक्ष निय़ुक्त किया। 2010 में संत पापा बेनेदिक्त 16वें द्वारा ही वे कार्डिनलमंडल में सम्मिलित किये गये।   

अपने शोक तार संदेश में पोप फ्रांसिस ने सलेशियन धर्मसमाज के सह-परमाधिकारी को दिवंगत आत्मा और धर्मसमाज के लिए प्रार्थना का आश्वासन प्रदान किया। “मैं आपको इस अच्छे और सतर्क सेवक की आत्मा शांति हेतु प्रार्थनाओं का आश्वासन देता हूं, जो अपने आदर्श वाक्य “मेरी कृपा पर्याप्त है” के प्रति वफादार बने रहे।  यहां तक ​​कि पीड़ा से भरे अपने अंतिम क्षणों में भी उन्होंने स्वर्गीय पिता के हाथों में, अपने निष्ठामय समर्पण का साक्ष्य दिया।” संत पापा ने आगे लिखा, “मुझे विश्वास है कि ख्रीस्तीयों की सहायिका मरियम और संतों तथा धन्यजनों जिन्होंने उन्हें वेदियों की महिमा तक पहुंचाया, उन्हें स्वर्ग के अनन्त भोज में स्वीकार करेंगे।”

संत फ्रांसिस द्वारा अंतिम धर्मविधि की अध्यक्षता
वाटिकन प्रेस कार्यालय के अनुसार, कार्डिनल अमातो की अंतिम विदाई का यूखारिस्तीय बलिदान गुरुवार, 2 जनवरी को संत पेत्रुस महागिरजाघर के परमधर्मपीठ सिंहासन की वेदी पर होगा, जिसकी अध्यक्षता कार्डिनलमंडल के अध्यक्ष कार्डिनल जोव्वानी बात्तिसता रे करेंगे। धर्मविधि के अंतिम भाग और विदाई समारोह की अध्यक्षता संत पापा फ्रांसिस के द्वारा की जायेगी।