नई दिल्ली में हिंदी दलित बाइबिल कमेंट्री का शुभारंभ
दिल्ली ब्रदरहुड सोसाइटी के दलित/सबाल्टर्न अध्ययन केंद्र ने 11 मार्च को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब, नई दिल्ली में दिल्ली के आर्चबिशप अनिल जे. टी. कूटो द्वारा लिखित न्यू टेस्टामेंट वॉल्यूम "हिंदी दलित बाइबल कमेंट्री" की पहली श्रृंखला लॉन्च की।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. नलिनी अब्राहम की प्रार्थना से हुई।
उत्तर भारत में लोग मुख्य रूप से इंडो-आर्यन भाषा हिंदी बोलते हैं। हिंदी बेल्ट क्षेत्र, जिसमें उत्तरी, मध्य, पूर्वी और पश्चिमी भारत के हिस्से शामिल हैं, इसे अपनी आम भाषा के रूप में उपयोग करते हैं।
जेसुइट फादर जॉन चैथनाथ और रेव्ह डॉ. मोनोदीप डैनियल ने हिंदी दलित ईसाइयों और उत्तर भारतीयों को सुसमाचार के संदेश को समझने और उसका पालन करने के लिए बाइबिल की व्याख्या के बारे में बताया।
मुख्य अतिथि आर्चबिशप कूटो ने अपने संबोधन में कमेंट्री के उद्देश्य पर प्रकाश डाला कि समाज की परिधि पर रहने वाले लोगों को नया जीवन और मुक्ति प्रदान की जाए।
येसु का मिशन उन लोगों को मुक्ति दिलाना भी था जो समाज की अन्यायपूर्ण व्यवस्था के अधीन थे।
उन्होंने नेक सेमेरिटन का उदाहरण देते हुए कहा कि यह प्रयास और पहल यीशु के न्याय, समानता और भाईचारे के संदेश को हिंदी भाषी क्षेत्र में लाने के लिए है, खासकर उत्तर भारत के संदर्भ में यीशु के संदेश को समझने के लिए।
इस कार्यक्रम में ईसाई समुदाय के कई गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि शामिल हुए।
दिल्ली ब्रदरहुड सोसाइटी के निदेशक रेव सोलोमन जॉर्ज ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।