दादा-दादी और पोते-पोतियाँ अप्रैल के कार्यक्रम में पोप फ्राँसिस से मिलेंगे
वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में, आयोजकों ने इटली के “फोंदात्सियोने एता ग्रांदे” (बुजूर्गों के फाऊंडेशन) द्वारा प्रायोजित 27 अप्रैल के कार्यक्रम का अनावरण किया। कार्यक्रम दादा-दादी एवं पोता-पोती को एक साथ वाटिकन के संत पौल षष्ठम सभागार में एकत्रिक करेगा ताकि आज के विश्व में बुजूर्गों की भूमिका और योगदान को बढ़ावा दिया जा सके।
वाटिकन प्रेस कार्यालय के अनुसार 27 अप्रैल को होनेवाले कार्यक्रम का उद्देश्य है पीढ़ियों के बीच संवाद को बढ़ावा देना। बुजूर्गों के फाऊंडेशन के साथ लगभग छह हजार दादा-दादी, वरिष्ठजन और पोते-पोतियाँ पोप फ्राँसिस से मिलेंगे। यह आयोजन ख्रीस्तीय मूल्यों पर आधारित है जो बुजुर्गों के अधिकारों और समुदाय के संबंधित कर्तव्यों को उजागर करता एवं संवेदनशील बनाता है।
जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय अकादमी के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष विंचेंत्सो पालिया कहते हैं कि इस पहल का उद्देश्य बुढ़ापे पर नए दृष्टिकोण पेश करना है, उन्होंने इसकी समृद्धि पर जोर देते हुए बताया है कि यह एक बोझ नहीं बल्कि सभी उम्र के लोगों के लिए एक संसाधन है। उन्होंने कहा कि तीसरे युग द्वारा दी गई विरासत को फिर से खोजा जा सकता है, और यही कारण है कि इस कार्यक्रम में दादा-दादी और पोते-पोतियों को शामिल किया जाएगा जिनके बीच एक विशेष सद्भाव, एकजुटता और स्नेहपूर्ण आयाम है जो अन्य पीढ़ियों के बीच हमेशा मौजूद नहीं होता।
महाधर्माध्यक्ष पालिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, बुजुर्गों को इस बात की सराहना करनी चाहिए कि वे अभी भी इतना कुछ दे सकते हैं, यह देखते हुए कि इटली में 14 मिलियन बुजुर्ग हैं लेकिन उनसे संबंधित राजनीतिक, आर्थिक, धार्मिक और सांस्कृतिक मुद्दों पर ध्यान देने की कमी है। महाधर्माध्यक्ष पालिया ने कहा कि पोप फ्राँसिस ने अपने बुधवारीय आदर्शन समारोह के दौरान बुढ़ापे पर अपनी उन्नीसवीं धर्मशिक्षा में इस बात पर प्रकाश डाला था कि बुजूर्ग अवस्था पर विचार करना कितना महत्वपूर्ण है, साथ ही दादा-दादी के लिए उत्सव आयोजित करने की बात भी कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि इतालवी राज्य, गैर-आत्मनिर्भरता के संबंध में सुधारों पर 2023 के कानून 33 के साथ, बुजुर्गों की देखभाल को पुनर्गठित करने के लिए प्रतिबद्ध है, और आशा है कि अन्य राष्ट्र भी संबंधित मुद्दों पर उचित ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि दादा-दादी अपने पोते-पोतियों के साथ संबंधों के माध्यम से अंतर-पीढ़ीगत गर्मजोशी, समझ और सद्भाव बनाने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि सभी प्रकार की पीढ़ियाँ एक-दूसरे पर निर्भर होती हैं और एक-दूसरे से अलग नहीं रह सकती हैं।
27 अप्रैल के कार्यक्रम का आयोजन इटली के बुजूर्गों के फाऊंडेशन ने किया है जो व्यक्ति को उसकी जरूरतों और कमजोरियों को केंद्र में रखकर बुजूर्गों मुद्दों से जुड़े मानवीय आयाम पर प्रकाश डालता है। फाउंडेशन, संस्कृति और शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, आर्थिक सुरक्षा और सामाजिक समावेशन की दुनिया में बुजुर्गों के पक्ष में सामाजिक नीतियों को बढ़ावा देता है।
फाऊंडेशन के प्रतिनिधि मारियो मराजिती ने कहा, “"हम अपनी देखभाल के द्वारा अपनी दुनिया को मानवीय बनाने की कोशिश करना चाहते हैं, ताकि हम अलगाव और अकेलेपन से प्रभावित लोगों को ठीक कर सकें।"
कार्यक्रम के दौरान महाधर्माध्यक्ष पालिया और इताली अभिनेता लिनो बानफी (एक दाद) दादा-दादी एवं पोता-पोती के बीच संबंध पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम में इताली संगीतकार अल बानो और रोम धर्मप्रांत के गायक दल भी भाग लेंगे। इस अवसर पर संत पापा तीन दादा-दादी एवं तीन पोते -पोतियों का साक्ष्य सुनेंगे।