कार्डिनल यूजेनियो दल कोरसो के निधन पर पोप फ्राँसिस की हार्दिक संवेदना
पोप फ्राँसिस ने कार्डिनल यूजेनियो दल कोरसो के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है तथा उन्हें एक 'वफादार धर्मी व्यक्ति' और 'उत्साही मिशनरी' के रूप में याद किया है। कार्डिनल यूजेनियो दल कोरसो का निधन 20 अक्टूबर को 85 वर्ष की आयु में हुआ।
वेरोना के धर्माध्यक्ष दोमेनिको पोमपिली को बुधवार को प्रेषित तार संदेश में पोप ने कार्डिनल यूजेनियो दल कोरसो के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “इटली और अर्जेंटीना एवं अंगोला में उत्साही मिशनरी के रूप में सेवा देनेवाले निष्ठावान धर्मी व्यक्ति के निधन ने मुझे छू लिया है।”
अपने संदेश में पोप ने दिवंगत कार्डिनल के निधन पर स्थानीय कलीसिया के सभी सदस्यों, उनके परिवार और अंतिम संस्कार में भाग लेनेवाले सभी लोगों के प्रति अपनी "हार्दिक संवेदना" व्यक्त की।
कार्डिनल यूजेनियो दल कोरसो, पी.एस.डी.पी., अंगोला स्थित बेंगुएला के सेवानिवृत धर्माध्यक्ष थे। इटली में जन्मे, कार्डिनल दिव्य प्रोविडेंस के गरीब सेवकों के सदस्य थे, और अर्जेंटीना और अंगोला में एक मिशनरी के रूप में काम किये।
संत पापा ने कहा, “उन्होंने प्रभु और कलीसिया की सेवा की, खुद को विशेष रूप से सबसे कमजोर और सबसे नाजुक लोगों के लिए समर्पित किया, जिनके लिए उन्होंने मसीह के प्रेम की गवाही दी।
1997 में, संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें अंगोला के सौरिमो का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया था।
2008 में, पोप बेनेडिक्ट 16वें ने उन्हें बेंगुएला का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया था, और अक्टूबर 2019 में, पोप फ्राँसिस ने उन्हें कार्डिनल बनाया था।
प्रभु और कलीसिया के सेवक
पोप फ्राँसिस ने अपने संदेश में कहा कि कार्डिनल की मृत्यु ने "मेरे दिल को छू लिया है, मैं उन्हें इटली में एक वफादार धार्मिक व्यक्ति और अर्जेंटीना एवं अंगोला में एक उत्साही मिशनरी के रूप में याद करता हूँ।"
उन्होंने प्रभु और कलीसिया की सेवा की, खुद को विशेष रूप से सबसे कमजोर और सबसे नाजुक लोगों के लिए समर्पित किया, जिनके लिए उन्होंने मसीह के प्रेम की गवाही दी।"
पोप फ्राँसिस ने दिवंगत कार्डिनल के धर्मसंघ, वेरोना के धर्मप्रांत, उनके परिवार और उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त करनेवाले सभी लोगों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।