पोप ने दिया तिमोर-लेस्ते के काथलिकों को विश्वासपूर्ण जीवन जीने का प्रोत्साहन

पोप फ्राँसिस एशिया और ओशिनिया की अपनी 45वीं प्रेरितिक यात्रा के तीसरे चरण में हैं, इस अवसर पर वाटिकन न्यूज ने तिमोर-लेस्ते के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के महासचिव और दिली महाधर्मप्रांत के पुरोहित से पोप के यात्रा की अपेक्षाओं और छोटे काथलिक एशियाई राष्ट्र के सामने आनेवाली चुनौतियों के बारे में बात की।

पोप फ्राँसिस के हवाई अड्डे से राजदूतावास की ओर प्रस्थान के वक्त, दिली की सड़कों पर उनके स्वागत में उमड़ी भीड़ ने इस बात की पुष्टि की कि तिमोर लेस्ते  के लोगों में पोप की यात्रा के लिए बहुत खुशी और उत्सुकता थी।

धर्माध्यक्ष अल्वेस: तिमोर-लेस्ते में काथलिक विश्वास की दृढ़ता के लिए यात्रा

जैसे ही संत पापा इंडोनेशिया की सीमा से लगे काथलिक अर्ध-द्वीप राष्ट्र की यात्रा के लिए तैयार हुए, तिमोर-लेस्ते (सीईटीएल) के धर्माध्याक्षीय सम्मेलन के महासचिव, बाउकाऊ के धर्माध्यक्ष लियोनरदो मरिया अल्वेस ने वाटिकन न्यूज के फा. बेरनारदो सुअते को बताया कि देश में काथलिक विश्वासी संत पापा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और "उनके द्वारा ईश्वर से कई आशीर्वाद की उम्मीद कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "यह तिमोर-लेस्ते के लोगों और विशेष रूप से ख्रीस्तीयों के लिए एक महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय क्षण है।" उन्होंने कहा कि "पोप की यात्रा हमारे ख्रीस्तीय विश्वास, विशेषकर, कलीसिया और पोप फ्राँसिस के प्रति हमारी निष्ठा को सुदृढ़ करेगा।" धर्माध्यक्ष अल्वेस ने आगे कहा कि यहाँ  युवाओं की संख्या अधिक है जिन्होंने तैयारियों में विशेष उत्साह दिखाया है।

फा. जोवितो रेगो: बड़ी उम्मीदें

दिली महाधर्मप्रांत के पुरोहित फा. जोवितो रेगो डी जीसस अराउजो, प्रेरितिक गतिविधि के प्रभारी ने यह पुष्टि करते हुए कहा कि  "पोप फ्राँसिस, जो उपदेश देते हैं वास्तव में उसे जी रहे हैं। उन्होंने तिमोर-लेस्ते, जो एशिया में एक "बहुत छोटा" काथलिक देश को याद करते हुए कहा कलीसिया उन लोगों से मिलने जाती है जो भुला दिये गये है।"

उन्होंने याद किया कि 2019 में कोविड-19 महामारी के कारण पोप फ्राँसिस का दौरा रद्द हो गया था तो तिमोर लिस्ते के लोग बेहद निराश हो गए थे। उन्होंने बताया कि यही कारण है कि अब उनका उत्साह बहुत अधिक है: "इस समय पोप के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के कारण, यह कल्पना करना कठिन था कि वे हमसे मिलने आएंगे।"

यात्रा के लिए गहन तैयारियाँ

फा. जोवितो ने बताया कि सरकार के साथ सहयोग करते हुए आध्यात्मिक रूप से इस यात्रा के लिए तैयारी की है।

देश के तीन धर्मप्रांतों (दिली, बाकाऊ और मालियाना) ने पोप की जीवनी, उनके प्रेरितिक विश्वपत्रों, पेत्रुस के उत्तराधिकारी के रूप में उनके प्रेरितिक कार्यों और तिमोर-लेस्ते में उनकी प्रेरितिक यात्रा के महत्व पर विशेष धर्मशिक्षा अध्ययन का आयोजन कर आध्यात्मिक स्तर पर तैयारी किया है।

धर्माध्यक्ष ने यात्रा के केंद्रीय विषय "आपका विश्वास आपकी संस्कृति बन जाए" पर एक राष्ट्रीय आध्यात्मिक साधना का भी आयोजन किया, जिसमें संस्कृतिकरण के माध्यम से विश्वास को संस्कृति से जोड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला।

तिमोर लेस्ते समाज की चुनौतियाँ

साक्षात्कार में डिली महाधर्मप्रांत के पुरोहित ने दो दशकों की स्वतंत्रता के बाद भी तिमोर-लेस्ते के सामने आनेवाली कई "कम दृश्यमान " चुनौतियों का भी उल्लेख किया, जिसमें चल रहे "राजनीतिक तनाव, मेल-मिलाप, नैतिक मुद्दे और भ्रष्टाचार" शामिल हैं।

उन्होंने यह उम्मीद करते हुए कहा है कि पोप फ्राँसिस इस स्थिति के बारे में जानेंगे और तिमोर-लेस्ते के लोगों को हमेशा अपने दिल में रखेंगे।

तिमोर-लेस्ते की कलीसिया को एक साथ चलने के लिए प्रोत्साहन  

अंत में फा. जोवितो ने अपनी आशा व्यक्त करते हुए कहा, “पोप की यात्रा की विषयवस्तु, तिमोर लेस्ते के काथलिकों को केवल शब्दों में ही नहीं बल्कि व्यवहार में, अपने विश्वास को जीने, एक साथ चलने, संत पापा और उनके प्रेरितिक कार्यों में सक्रिय सहभागिता के लिए प्रेरित करेगा।