कलीसिया इथियोपिया के पीड़ितों के संग है, कार्डिनल सौराफिल
इथियोपिया के काथलिक धर्माधिपति आदीस आबाबा के महाधर्माध्यक्ष ने इथियोपियाई काथलिक धर्माध्यक्षों की रोम यात्रा तथा अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात पर वाटिकन न्यूज़ से बात की और कहा कि पोप फ्रांसिस ने उन्हें वहां चल रहे युद्ध से पीड़ित लोगों के क़रीब बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया।
इन दिनों इथियोपिया के काथलिक धर्माध्यक्ष रोम तथा परमधर्मपीठ में अपनी पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात के लिये आये हैं। 28 जून को उन्होंने सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात की थी तथा वर्षों के जातीय संघर्षों से तबाह हुए हॉर्न ऑफ़ अफ़्रीका राष्ट्र की वर्तमान स्थिति को साझा किया था।
समर्थन हेतु धन्यवाद
पोप फ्राँसिस के साथ अपनी बातचीत के दौरान इथियोपिया के धर्माध्यक्षों ने इथियोपिया में शांति हेतु निरंतर समर्थन और अपील के लिए सन्त पापा के प्रति हार्दिक धन्यवाद दिया और देश की वर्तमान स्थिति को प्रस्तुत किया जहां तिग्रेय के लिए शांति समझौता हुआ है, लेकिन अन्य सशस्त्र संघर्ष अभी भी जारी हैं।
वाटिकन न्यूज़ से बात करते हुए, इथियोपियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, कार्डिनल बेरहेनियस डेमेरेव सौराफिल ने बताया कि धर्माध्यक्ष, विशेष रूप से, युवा इथियोपियाई लोगों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो आबादी का 70% हिस्सा हैं तथा युद्ध और अपने देश में परिप्रेक्ष्य की कमी के कारण, यूरोप सहित विदेशों में प्रवास करने के लिए तेजी से आकर्षित हो रहे हैं।
आदीस आबाबा के महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर बल दिया कि प्रवासी, चाहे वे अफ्रीका के हों या सीरिया के, उनका समर्थन किया जाना चाहिए, जिसकी सन्त पापा फ्राँसिस, 2013 में इतालवी द्वीप लाम्पेदूसा की अपनी यात्रा के बाद से, अपील करते रहे हैं।
धर्माध्यक्षों को मिला प्रोत्साहन
उन्होंने कहा कि सन्त पापा फ्राँसिस ने इथियोपिया की 2% अल्पसंख्यक कलीसिया को इथियोपिया में गरीबों और सबसे कमजोर लोगों के प्रति अपने उदार कार्यों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिनमें वे बच्चे शामिल हैं जो स्कूल नहीं जा सकते, वे माताएं जो अस्पताल नहीं जा सकतीं और वे बुज़ुर्ग जो युद्ध से विस्थापित हैं।
कार्डिनल सौराफिल ने कहा, "सन्त पापा ने हमें याद दिलाया कि धर्माध्यक्षों को सदैव लोगों के साथ रहना चाहिए और इस बात पर ज़ोर दिया कि भाईचारा और पैतृक उपस्थिति सबसे महत्वपूर्ण है।"
इथियोपिया में चल रहे सशस्त्र संघर्षों के संबंध में, कार्डिनल सौराफिल ने इस बात की पुनरावृत्ति की कि काथलिक कलीसिया किसी का पक्ष नहीं लेती है, बल्कि वह केवल पीड़ित लोगों की पक्षधर है और पुनर्मिलन एवं भाईचारे के लिये काम करती है। उन्होंने कहा, यह न केवल स्थानीय कलीसिया के स्तर पर किया जाता है, बल्कि सार्वभौमिक कलीसिया के समर्थन से भी किया जाता है, जिसमें तमाम विश्व के कई मिशनरी भी शामिल हैं जो हमारे साथ काम करते हैं।