अमेरिकी कलीसिया शांति के लिए हिरोशिमा और नागासाकी की तीर्थयात्रा पर

संयुक्त राज्य अमेरिका की कलीसिया जापान पर परमाणु बमबारी की 80वीं वर्षगांठ पर शांति के लिए हिरोशिमा और नागासाकी की तीर्थयात्रा कर रही है।

वर्ष 2025 में 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा और 9 अगस्त 1945 को नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने के अस्सी साल पूरे हो जाएँगे। इन घटनाओं की स्मृति में, संयुक्त राज्य अमेरिका की काथलिक कलीसिया 4 से 11 अगस्त तक इन दोनों शहरों का दौरा करते हुए एक तीर्थयात्रा आयोजित कर रही है। अमेरिकी काथलिक विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर, कर्मचारी और छात्र इसमें भाग ले रहे हैं, साथ ही शिकागो के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल कूपिच, वाशिंगटन डीसी के कार्डिनल मैकएलरॉय, सिएटल के धर्माध्यक्ष एटियेन और सांता फ़े के महाधर्माध्यक्ष वेस्टर भी इसमें शामिल होंगे। इस तीर्थयात्रा में लैटिन अमेरिका के लिए परमधर्मपीठीय आयोग के सचिव एमिल्स कूदा भी भाग ले रहे हैं।

प्रार्थना, मेल-मिलाप के लिए संवाद
यह तीर्थयात्रा आशा की जयंती वर्ष में आयोजित की जा रही है और संत पापा फ्राँसिस के "याद रखें, साथ चलें और रक्षा करें" आह्वान का स्मरण कराती है। इसका लक्ष्य पूरे प्रशांत क्षेत्र में मेल-मिलाप, एकजुटता और शांति के लिए प्रार्थना संवाद स्थापित करना है, स्थानीय अस्थिरता, व्यापक विभाजन और बढ़ते परमाणु खतरों के बीच धर्मों और पीढ़ियों के बीच सेतु का निर्माण करना है।

बमबारी से प्रभावित दोनों शहरों में विभिन्न स्मारक और शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। काथलिक नैतिकता के विशेषज्ञ परमाणु हथियारों के मानवीय और पर्यावरणीय परिणामों पर प्रकाश डालेंगे, और युवा लोग कार्यक्रम के एक भाग के रूप में अंतर-पीढ़ीगत न्याय और शांति निर्माण पर बहस करेंगे। यह वर्तमान धार्मिक और भू-राजनीतिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों में परमाणु मुद्दों और उनकी विरासत के प्रति काथलिक कलीसिया के दृष्टिकोण का आलोचनात्मक और तुलनात्मक मूल्यांकन करने का एक अवसर है।

आयोजक और कार्यक्रम
इस तीर्थयात्रा का समन्वय परमाणु हथियार रहित विश्व के लिए साझेदारी (पीडब्ल्यूएनडब्ल्यू) द्वारा किया जा रहा है, जिसकी स्थापना अगस्त 2023 में परमाणु हथियारों के विकास से प्रभावित संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के चार धर्मप्रांतों (सांता फ़े, सिएटल, हिरोशिमा और नागासाकी) के धर्माध्यक्षों द्वारा की गई थी। यह जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय, लोयोला विश्वविद्यालय शिकागो, मार्क्वेट विश्वविद्यालय, नोट्र डेम विश्वविद्यालय, नागासाकी का जुनशिन काथलिक विश्वविद्यालय और टोक्यो का सोफिया विश्वविद्यालय जैसे सहभागी काथलिक विश्वविद्यालयों द्वारा प्रायोजित  किया गया है।

इस कार्यक्रम में स्थानीय नगर भवन, जेसुइट नवप्रवर्तक, बमबारी से प्रभावित और पुनर्निर्मित काथलिक कलीसिया, परमाणु बमों से संबंधित संग्रहालय, शांति कार्यक्रम, नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं और परमाणु बम से बचे लोगों के संदेश, साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के धर्माध्यक्षों के संदेश शामिल हैं। इसके अलावा, शांति के लिए प्रार्थना सभाएँ, शैक्षणिक संगोष्ठियाँ, अंतर्धार्मिक समारोह, शांति तीर्थयात्राएँ और परमाणु बम विस्फोटों के पीड़ितों के सम्मान में स्मारक समारोह आयोजित किए जाएँगे।