स्कोलास ऑकारेन्तेस के युवाओं के साथ विविधता और एकता पर विचार

जकार्ता स्थित “गृह पेमूदा” युवा सदन में पोप फ्रांसिस ने अपनी 45 वीं प्रेरितिक यात्रा के पहले दिन बुधवार को स्कोलास ऑकारेन्तेस के युवा सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए चार दिशानिर्देश दिए।

पोप फ्राँसिस द्वारा स्थापित स्कोलास ऑकारेन्तेस एक वैश्विक शैक्षणिक परियोजना है, जिसका उद्देश्य  युवाओं को शिक्षा, कला और खेल में शामिल करना है। स्कोलास ऑकारेन्तेस की इंडोनेशियाई शाखा के लगभग 200 युवा सदस्य है, जो “भिन्निका तुंगगल इका” अर्थात् विविधता और एकता के महत्व को प्रकाशित करते हुए इन्डोनेशिया के विभिन्न द्वीपों, स्कूलों और धर्मों से आते हैं।

“गृह पेमूदा” युवा सदन में स्कोलास ऑकारेन्तेस शैक्षणिक परियोजना से जुड़े कुछेक युवाओं ने अपने साक्ष्य प्रस्तुत किये। एक महिला ने पोप के समक्ष वैश्विक शिक्षा के अपने अनुभवों को साझा किया।

साक्ष्य
उनका कहना था कि वे इसे इतना पसंद करती हैं कि इसने उन्हें अपने शहर में एक शैक्षिक संस्थान स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने जीवन में एक शिक्षक और एक परामर्शदाता के रूप में अपनी जिम्मेदारियों के बारे में बात करते हुए कहा, "स्कोलास में मैंने जो कुछ भी सीखा, मैंने उसे अपने छात्रों और सहकर्मियों पर लागू किया, जहाँ मैं काम करती हूँ।" "स्कोलास में मेरी टीम ने जिस तरह से मेरी बात सुनी, उसकी सराहना की, मुझे समायोजित किया, वह एक परंपरा है जिसकी सभी छात्रों को ज़रूरत है"।

इसी प्रकार ब्रायन नामक एक युवा ने भी साक्ष्य प्रस्तुत कर एकता विषय की पुनरावृत्ति की। उन्होंने कहा कि एकता का अर्थ है कि हम भिन्न और विविध होने के बावजूद एक हैं। हालांकि ब्रायन ने कहा कि एकता होने पर भी हम उन नकारात्मक वास्तविकताओं को नहीं भुला सकते जो आज के युवा छात्रों में विशेष रूप से समाहित हैं। इनमें उन्होंने भेदभाव और साईबर बदमाशी की वास्तविकताओं को रेखांकित किया तथा कहा कि इसीलिये स्कोलास जैसे शैक्षणिक संगठनों का महत्व अधिक है जिससे प्रत्येक व्यक्ति को बात करने और अपने अच्छे और बुरे दोनों अनुभवों को साझा करने के लिए एक मंच मिला है।  

चार दिशानिर्देश
युवाओं के साक्ष्य के प्रत्युत्तर में पोप फ्राँसिस ने सह-अस्तित्व और शांति के चार सिद्धांत प्रस्तुत किये, उन्होंने कहा, वास्तविकता विचारों से बेहतर है, एकता संघर्ष से बेहतर है, संपूर्ण एक भाग से बेहतर है, तथा संपूर्ण एक विचार से बेहतर है।

पोप ने कहा, "अगर हम सब एक जैसे होते तो जीवन उबाऊ होता।" उन्होंने कहा, "मतभेद युद्ध को जन्म दे सकते हैं, या संवाद को - हमें चुनना होगा। युद्ध हमेशा हार का कारण बनता है, लेकिन अपने दोस्तों के साथ चर्चा करना - यह एक खूबसूरत चीज है, जो आपको आगे बढ़ा सकती है।"

स्कोलास ऑकारेन्तेस के युवाओं से मुलाकात से पहले बुधवार को जकार्ता के काथलिक महागिरजाघर में सन्त पापा ने धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, समर्पित व्यक्तियों, गुरुकुल छात्रों और धर्मशिक्षकों के साथ मुलाकात के दौरान उनसे कहा कि वे इन्डोनेशिया के ख्रीस्तीयों एवं ग़ैरख्रीस्तीयों, सभी लोगों के लिये अपने दिलों को उदार रखें और विश्वास तथा सद्भाव के प्रसार हेतु कड़ी मेहनत करें।

इसी प्रकार बुधवार प्रातः राष्ट्रपति भवन में पोप फ्रांसिस ने इंडोनेशिया के राष्ट्रीय आदर्श वाक्य "विविधता में एकता" को बरकरार रखा और देश की बहुआयामी वास्तविकता की प्रशंसा की, जिसमें विभिन्न लोग एक राष्ट्र में मजबूती से एकजुट हैं। तथापि, उन्होंने चेतावनी भी दी, उन्होंने कहा, "विविधता में सामंजस्य के लिए सभी को सभी की भलाई की तलाश में भाईचारे की भावना को अपनाने की आवश्यकता है" और इसका मतलब है "संस्कृतियों की बहुलता और विभिन्न वैचारिक दृष्टिकोणों के बीच" संतुलन खोजना और उसे बनाए रखना, इसका अर्थ है प्यार का पोषण करना!"