सुसमाचार के केन्द्र में तिमोर लेस्ते
तिमोर लेस्ते में पोप फ्राँसिस का अन्तिम कार्यक्रम मंगलवार को डिली के कन्वेनशन सेन्टर में युवा प्रतिनिधियों से मुलाकात रहा, जिसमें पोप ने स्वतंत्रता, प्रतिबद्धता और भाईचारे के मूल्यों की चर्चा की।
तिमोर लेस्ते में पोप फ्राँसिस का अन्तिम कार्यक्रम मंगलवार को डिली के कन्वेनशन सेन्टर में युवा प्रतिनिधियों से मुलाकात रहा, जिसमें पोप ने स्वतंत्रता, प्रतिबद्धता और भाईचारे के मूल्यों के महत्व के बारे में बात की तथा युवा तिमोरवासियों से आग्रह किया कि वे स्वतंत्रता को दूसरों की भलाई करने के अवसर के रूप में अपनाएं।
पोप फ्रांसिस ने प्रशांत महासागर स्थित काथलिक बहुल राष्ट्र तिमोर लेस्ते में तीन दिन व्यतीत किये, यहाँ की कुल आबादी लगभग 14 लाख है जिनमें से 95 प्रतिशत काथलिक धर्मानुयायी है। प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार, मंगलवार को डिली के निकटवर्ती तासी टोलू के एस्प्लेनेड में सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा अर्पित ख्रीस्तयाग समारोह में लगभग 600,000 लोग शामिल हुए थे।
युवा देश
पूर्व पुर्तगाली उपनिवेश तिमोर-लेस्ते एक युवा देश है जिसने 2002 में ही इन्डोनेशिया से स्वतंत्रता प्राप्त की है, जहाँ की जनसंख्या की औसत आयु मात्र 20 वर्ष है। यह बात पोप फ्राँसिस के आगमन तथा उनके तीन दिवसीय देश में पड़ाव रे दौरान सड़कों पर निकलते उत्साही बच्चों से स्पष्टतया परिलक्षित हुई। सन्त पापा फ्राँसिस का ध्यान भी इस ओर गया जिन्होंने मंगलवार को ख्रीस्तयाग प्रवचन के समय तथा बुधवार को डिली के कन्वेनशन सेन्टर में युवाओं से मुलाकात के अवसर पर इस बात को दुहराया कि बच्चे एवं युवा भावी आशा का संकेत हैं।
मंगलवार को ख्रीस्तयाग प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा, "यह कितनी अच्छी बात है कि तिमोर-लेस्ते में इतने सारे बच्चे हैं!" फिर युवाओं के साथ मुलाकात के अवसर पर उन्होंने कहा, "वास्तव में, आप एक युवा देश हैं, और हम आपके देश के हर कोने को जीवन से भरा हुआ देख सकते हैं।"
मंगलवार के दिन की शुरुआत डिली शहर की सड़कों से गुज़रती सन्त पापा की गाड़ी तथा हज़ारों बच्चों, युवाओं एवं आम दर्शकों के जयनारों से हुई। ये सभी उत्साहपूर्वक अपने यहाँ आये खास मेहमान का तालियाँ बजाकर, तिमोर लेस्ते और वाटिकन के ध्वज़ों को फहराकर तथा "विवा इल पापा" के नारे लगाकर कर रहे थे। हमारे संवाददाताओं ने बताया कि कई लोग खुशी के मारे भावविवश होकर रो पड़े थे।
सुसमाचार का केन्द्र
पोप फ्राँसिस ने मंगलवार को सबसे पहले विकलांग बच्चों के लिए मिशनरी बहनों द्वारा संचालित एक केंद्र का दौरा किया। तदोपरान्त डिली में निष्कलंक मां मरियम को समर्पित महागिरजाघर में उन्होंने देश के काथलिक धर्माध्यक्षों, पुरोहितों, धर्मसमाजियों, धर्मसंघियों एवं गुरुकुल छात्रों का साक्षात्कार कर उन्हें अपना सन्देश दिया। तिमोर लेस्ते में सम्पादित काथलिक कलीसिया के कार्यों की उन्होंने भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा इस देश में जीवन यापन का विकल्प चुनने के लिये यहाँ सेवारत समस्त मिशनरियों के प्रति कोटि-कोटि धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा, एक ऐसे देश में जो "पृथ्वी के छोर पर" है तथा इसलिए क्योंकि यह पृथ्वी के छोर पर है यह सुसमाचार के केन्द्र में है!" प्रेरितिक कार्यों में संलग्न कार्यकर्त्ताओं के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा: "मैं आपके साथ और आपके लिए आनन्दित हूँ क्योंकि आप इस भूमि में मसीह के शिष्य हैं।"
ख्रीस्तयाग समारोह काथलिक बहुल देश तिमोर लेस्ते में पोप फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा का मुख्य आकर्षण रहा, जहां लगभग 600,000 लोग तासीटोलू मैदान में एकत्र हुए थे। इस अवसर पर वाटिकन ध्वज के पीले और सफेद रंग की छतरियों का सागर देखना वास्तव में अद्भुत था, जिन्हें श्रद्धालु अपने आप को तेज धूप से बचाने के लिए उठाये हुए थे। ग़ौरतलब है कि डिली के तासीटोलू मैदान में सन् 1989 में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया था, जिस समय देश इंडोनेशियाई सत्ता के अधीन था।