विश्व युवा दिवस के लिए पोप का संदेश: प्रभु पर आशा रखें और आप थकेंगे नहीं
पोप फ्राँसिस ने 39वें विश्व युवा दिवस के लिए अपना संदेश जारी किया तथा युवाओं को जीवन की चुनौतियों को आशा और दृढ़ता के साथ स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
पोप फ्राँसिस ने 39वें विश्व युवा दिवस के लिए दुनियाभर के युवाओं को संदेश दिया है। संदेश का शीर्षक है, "जो लोग प्रभु पर भरोसा रखते हैं, वे दौड़ेंगे और थकेंगे नहीं।" यह संदेश आशा और धीरज के विषय पर केंद्रित है, जो भविष्यवक्ता इसायस के शब्दों से प्रेरित है।
अपने संदेश में पोप फ्राँसिस ने युवाओं को जीवन को तीर्थयात्रा के रूप में देखने और खुशी की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया जो निश्चित रूप से थका देनेवाली भी है। पोप ने कहा कि यह ठीक यही यात्रा है जिसमें आशा सबसे अधिक चमकती है।
जो लोग प्रभु पर आशा रखते हैं वे थकते नहीं
युवाओं के सामने आनेवाली कठिनाइयों के मद्देनजर, पोप फ्राँसिस ने उन्हें दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आशा केवल एक निष्क्रिय भावना नहीं है, बल्कि एक सक्रिय शक्ति है, जो हमें "आगे बढ़ने देती है, क्योंकि यह स्वयं ईश्वर से प्राप्त एक उपहार है।" पोप फ्राँसिस ने जीवन के संघर्षों के साथ आनेवाली थकान को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह थकान उन सभी के लिए आम है जो सार्थक यात्रा पर निकलते हैं और इस तरह की थकान का समाधान आराम करने में नहीं बल्कि "आशा के तीर्थयात्री बनने" में है।
अपने संदेश में पोप ने युवाओं को जीवन को पूरी तरह से अपनाने के लिए आमंत्रित किया, साथ ही उन्होंने ठहराव के खिलाफ चेतावनी दी, जहां लोग "बिना किसी इच्छा के स्थिर खड़े रहते हैं।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे यह उदासीनता अक्सर व्यर्थता की भावना को जन्म दे सकती है। पोप ने कहा, "मैं उन लोगों की थकान को पसंद करता हूँ जो आगे बढ़ रहे हैं, न कि उन लोगों की उदासी को जो स्थिर खड़े हैं।"
यूखरिस्त स्वर्ग का राजमार्ग है
पोप ने युवाओं की यात्रा की तुलना मरूस्थल के बीच इस्राएल की यात्रा की बाइबिल की कहानी से की।
उन्होंने उन्हें आश्वस्त किया कि संकट और निराशा के क्षणों में भी, ईश्वर अपने लोगों को नहीं छोड़ते। इसके बजाय, एक प्रेमी पिता की तरह, वे अपनी उपस्थिति से उनका पोषण करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे उन्होंने रेगिस्तान में इस्राएलियों को मन्ना खिलाया था।
इसके आलोक में, पोप ने युवा लोगों से यूखरिस्तीय संस्कार के महान उपहार को फिर से खोजने का आग्रह किया, उन्हें याद दिलाते हुए कि "यूखरिस्त स्वर्ग का राजमार्ग है।"
पर्यटक नहीं बल्कि तीर्थयात्री
2025 की जयंती की ओर देखते हुए, पोप फ्राँसिस ने अपनी आशा व्यक्त की कि आगामी उत्सव युवाओं के लिए ईश्वर के साथ अपने रिश्ते को गहरा करने और उनकी दया एवं प्रेम का अनुभव करने का एक अवसर होगा।
उन्होंने सभी को निमंत्रण देते हुए कहा: "केवल पर्यटक बनकर नहीं, बल्कि सच्चे तीर्थयात्री बनकर निकलें," उन्हें याद दिलाते हुए कि जयंती की ओर यात्रा केवल भौतिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक भी है।
अपने संदेश को समाप्त करते हुए, पोप फ्राँसिस ने युवाओं को साहसी बनने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा, "ढाढ़स रखें।" अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन देने और उनकी यात्रा को धन्य कुँवारी मरियम को सौंपने से पहले उन्होंने उनके उदाहरण द्वारा युवा “आशा और प्रेम के तीर्थयात्री के रूप में अपनी यात्रा में दृढ़ रहने का प्रोत्साहन दिया।”