पोप फ्रांसिस इंडोनेशिया की इस्तिकलाल मस्जिद में

जकार्ता के इस्तिकलाल मस्ज़िद में गुरुवार को पोप फ्रांसिस ने एक अन्तरधार्मिक बैठक का नेतृत्व करते हुए संवाद, आपसी सम्मान और सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए काम करने के लोगों के “महान उपहार” हेतु इन्डोनेशिया के लोगों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया।

जकार्ता का इस्तिकलाल मस्ज़िद दक्षिण पूर्व एशिया का सर्वाधिक विशाल मस्ज़िद है। यहाँ गुरुवार को मस्ज़िद के ग्रैण्ड इमाम डॉ. नस्सरुद्दीन ऊमर ने सन्त पापा का हार्दिक स्वागत किया। पोप के साथ उन्होंने "मैत्री की सुरंग" नामक गलियारे का भी दौरा किया, जो इस्तिकलाल मस्जिद को सेंट मैरी ऑफ द असम्पशन के काथलिक महागिरजाघर से जोड़ने वाला एक भूमिगत मार्ग है।

इसी अवसर पर पोप फ्राँसिस तथा इमाम नस्सरुद्दीन ऊमर ने इस्तिकाल 2024 के संयुक्त घोषणापत्र पर भी हस्ताक्षर किए, जिसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि सभी धार्मिक परंपराओं के लिए समान मूल्यों को प्रभावी ढंग से प्रोत्साहन दिया जाना अनिवार्य है ताकि "हिंसा और उदासीनता की संस्कृति को पराजित किया जा सके" तथा  सुलह, पुनर्मिलन और शांति को बढ़ावा दिया जा सके।