पोप ने रोजगार, स्थिरता और सम्मान की आवश्यकता पर जोर दिया
जुबली आमदर्शन समारोह में, पोप लियो ने कार्य जयंती में भाग लेनेवालों का अभिवादन किया और रोजगार सृजन के लिए "सामूहिक प्रतिबद्धता" का आह्वान किया तथा यह सुनिश्चित करने का प्रोत्साहन दिया कि "युवा अपने सपनों को साकार कर सकें और जनहित में योगदान दे सकें।"
पोप लियो 14वें ने शनिवार को आयोजत होनेवाले विशेष जयन्ती आमदर्शन समारोह को जारी रखते हुए 8 नवम्बर को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित हजारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।
संत पापा ने कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, जब हम अपनी जयन्ती धर्मशिक्षा को जारी रख रहे हैं, आइये, हम धन्य इसिडोर बकांजा के जीवन पर चिंतन करें, जो कांगो के शहीद हैं, जिन्होंने अपने कार्यस्थल जैसे प्रतिकूल वातावरण में भी, आनंद और सच्चाई के साथ अपने विश्वास को जीया।”
धन्य इसीदोर बकांजा का साक्ष्य
जिस यूरोपीय खेत में इसिदोर काम करता था, उसके मालिक ने उन काथलिक मिशनरियों का तिरस्कार किया जो मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा करते थे, और इसिदोर पर अपना गुस्सा उतारा। इस साहसी युवक ने अपने विश्वास को प्रकट करना जारी रखा, और भूरे रंग का स्कापुलर पहनकर धन्य कुँवारी मरियम के प्रति अपनी भक्ति व्यक्त की। जिसके लिए दुर्व्यवहार का सामना करते हुए अपनी मृत्यु से पहले इसिदोर ने घोषणा की कि वे स्वर्ग से अपने हमलावरों के लिए प्रार्थना करेंगे।
संत पापा ने कहा, “उनका साक्ष्य हमें स्मरण दिलाता है कि हम अफ्रीका में सताए गए अपने भाई-बहनों से बहुत कुछ सीख सकते हैं।” उन्होंने कहा, “आइए, चाहे हमें किसी भी तरह का उत्पीड़न या अस्वीकृति क्यों न झेलनी पड़े, हम विश्वास में दृढ़ता के उनके उदाहरण का अनुसरण करने का प्रयास करें। धन्य इसिदोर, हमारे लिए प्रार्थना करें, ताकि हम भी साहस और उत्साह के साथ अपने विश्वास की गवाही दे सकें!”
इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा माला समाप्त की।
तीर्थयात्रियों का अभिवादन
तत्पश्चात् संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया। उन्होंने विभिन्न भाषा-भाषी के तीर्थयात्रियों खासकर, अंग्रेजी भाषी तीर्थयात्रों को सम्बोधित कर कहा, “मैं आज के आमदर्शन समारोह में भाग लेनेवाले अंग्रेज़ी भाषी तीर्थयात्रियों और आगंतुकों, विशेषकर अमेरिका से आनेवाले सभी लोगों का हार्दिक स्वागत करता हूँ। कार्य जगत की जयंती में भाग लेनेवाले आप सभी का विशेष अभिवादन। इस जयंती वर्ष में आशा के गुणों में वृद्धि का अनुभव करने हेतु प्रार्थना करते हुए, मैं आप सभी पर और आपके परिवारों पर हमारे प्रभु येसु ख्रीस्त के आनंद और शांति का आह्वान करता हूँ। ईश्वर आप सभी को आशीष प्रदान करें!
उसके बाद इतालवी भाषी तीर्थयात्रियों को सम्बोधित कर पोप ने कहा, “मैं इतालवी ऐतिहासिक पुनर्नाटकों की जयंती में भाग लेनेवालों का अभिवादन करता हूँ और उनसे आग्रह करता हूँ कि वे इस बात पर चिंतन करें कि ख्रीस्तीय धर्म के महान मूल्य किस प्रकार राष्ट्र की संस्कृति, कला, नागरिक एवं धार्मिक परंपराओं का आधार हैं।”
अंत में, उन्होंने युवाओं, बीमारों और नवविवाहितों का विशेष अभिवादन किया। पोप ने उम्मीद जताते हुए कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि इस जयंती के अनुभव से सभी लोग और भी सशक्त होकर अपने घर लौटेंगे और सुसमाचार का अनुसरण करने तथा उसकी साहसी गवाही देने की अपनी इच्छा में पुनः उत्साहित होंगे।”