पोप ने युद्धग्रस्त देशों के लिए ओलंपिक युद्धविराम की अपील की
पोप फ्राँसिस ने अपनी इच्छा व्यक्त की है कि आगामी ओलंपिक और पैरालंपिक खेल चल रहे युद्धों में युद्धविराम स्थापित करने का अवसर प्रदान करेंगे और एथलीट शांति के दूत बनेंगे।
देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने आगामी ऑलम्पिक खेल के लिए सभी खिलाड़ियों, खेल के आयोजकों एवं खेल से जुड़े सभी लोगों को शुभकामनाएँ दीं।
उन्होंने कहा, “प्यारे भाइयो और बहनो, इस सप्ताह पेरिस ओलंपिक खेल शुरू होंगे, उसके बाद पैरालंपिक खेल होंगे। खेल में एक महान सामाजिक शक्ति भी होती है, जो विभिन्न संस्कृतियों के लोगों को शांतिपूर्वक एकजुट करने में सक्षम है। मुझे उम्मीद है कि यह आयोजन उस समावेशी दुनिया का प्रतीक बनेगा जिसे हम बनाना चाहते हैं और एथलीट अपनी खेल संबंधी गवाही के साथ शांति के संदेशवाहक और युवाओं के लिए उपयुक्त मॉडल हैं। विशेष रूप से, प्राचीन परंपरा के अनुसार, ओलंपिक युद्धों में युद्धविराम स्थापित करने का एक अवसर है, जो शांति के लिए एक सच्ची इच्छा को प्रदर्शित करता है।”
उसके बाद सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन करते हुए कहा, “मैं आप सभी रोमवासियों और इटली तथा विभिन्न देशों से आए तीर्थयात्रियों का अभिवादन करता हूँ। मैं विशेष रूप से ब्राजील के क्विक्साडा धर्मप्रांत की नोट्रे डेम टीम का अभिवादन करता हूँ।”
उन्होंने क्रूस एवं पीड़ितों के लिए स्वयंसेवक केंद्र के मौन कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया जो अपने संस्थापक धन्य लुईजी नोवारेसे की स्मृति में एकत्रित हुए हैं। साथ ही, ख्रीस्त के राजत्व के मिशनरी संस्था की उम्मीदवार एवं जूनियर धर्मबहनों तथा रोम में माइनर सेमिनरी के छात्रों का भी अभिवादन किया, जो संत फ्राँसिस की राह पर असीसी से रोम की पैदल यात्रा की।
तत्पश्चात् संत पापा ने शांति के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आइए हम शांति के लिए प्रार्थना करें, आइए हम यूक्रेन, फिलिस्तीन, इस्राएल, म्यांमार और कई अन्य देशों को न भूलें जो युद्ध से पीड़ित हैं। आइए, हम न भूलें, युद्ध एक हार है!
अंत में, संत पापा ने अपने लिए प्रार्थना क आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।