पोप ने बारूदी सुरंग मुक्त विश्व के प्रति परमधर्मपीठ की प्रतिबद्धता दोहराई

कम्बोडिया में चल रहे बारूदी सुरंग मुक्त विश्व पर एक शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए पोप ने अपील की है कि बारूदी सुरंग समाप्त करने, जीवन बचाने एवं शांति को बढ़ावा देने के लिए कार्य करें।

सम्मेलन का आयोजन 25-29 नवंबर तक किया गया है और इसमें विभिन्न राज्यों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल हैं।

एकता की शक्ति
प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए, वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में संत पापा फ्राँसिस ने निरस्त्रीकरण से संबंधित अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों के इतिहास को स्वीकार किया है, तथा इस बात पर बल दिया है कि यह सम्मेलन दर्शाता है कि "बहुपक्षवाद कैसे सफल तथा उद्देश्य के लिए उपयुक्त हो सकता है।"

हालांकि पोप ने खेद प्रकट किया है कि सम्मेलन की स्थापना के 25 वर्ष बाद भी, कार्मिक-विरोधी बारूदी सुरंगों और पीड़ित-सक्रिय विस्फोटक उपकरणों का प्रयोग जारी है।

उन्होंने कहा, “संघर्ष, मानवजाति की एक मानव परिवर के रूप में जीने की विफलता है।

उन्होंने गौर किया कि बारूदी सुरंग किस प्रकार निर्दोष लोगों की अभी भी जान चुपचाप ले रहा है खासकर, बच्चों का, साथ ही उनमें डर पैदा कर रहा है, जीविका को तहस-नहस कर रहा है एवं मेल-मिलाप, शांति तथा समग्र विकास में बाधा डाल रहा है।   

मानव की कीमत
पोप ने इस बात पर दुःख जताया कि हाल के वर्षों में इन निर्दोष पीड़ितों की संख्या में वृद्धि हुई है। पोप ने जोर देकर कहा, "जब ऐसा होता है, तो यह स्पष्ट है कि पूरी मानवता हार गई है, क्योंकि सभी मानव जीवन  पवित्र है।"

उन्होंने उन सभी देशों से आग्रह किया जो अभी तक सम्मेलन में शामिल नहीं हुए हैं कि वे बिना देरी किए सम्मेलन में शांमिल हों, साथ ही उन्होंने बारूदी सुरंगों के उत्पादन और उपयोग को तत्काल बंद करने का आह्वान किया।

उन देशों से जो सम्मेलन के हिस्से हैं उन्होंने प्रोत्साहन दिया कि वे अपनी प्रतिबद्धता को नवीकृत करें एवं इसके कार्यान्वयन में तत्परता बरती जाए।   

मानवीय क्षति को स्वीकार करते हुए, पोप फ्राँसिस ने उन सभी लोगों की याद की जो खदानों को साफ करने में अपने जीवन को जोखिम में डालते हैं तथा जो पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद के लिए समर्पित हैं।

कलीसिया की प्रतिबद्धता
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि काथलिक कलीसिया पीड़ितों की सहायता करने और वैश्विक शांति में योगदान देने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

अंत में, पोप फ्रांसिस ने सभी पर ईश्वर के आशीर्वाद की कामना की, ताकि सम्मेलन के महान उद्देश्यों से प्रेरित यह सम्मेलन "बारूदी सुरंगों से मुक्त दुनिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बन सके और पीड़ितों को वास्तव में अभिन्न और पुनर्स्थापनात्मक सहायता सुनिश्चित कर सके।"