पोप ने पोलिश महिलाओं को खुशी से गवाही देने हेतु प्रोत्साहित किया

पोप फ्राँसिस ने पिएकारी स्लैस्की में माता मरियम तीर्थस्थल पर आयोजित पारंपरिक सभा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को संबोधित कर खुशी से गवाही देने हेतु प्रोत्साहित किया।

पोप फ्राँसिस ने रविवार को देवदूत प्रार्थना के बाद माता मरियम तीर्थालय पिएकारी स्लैस्की की तीर्थयात्रा में भाग लेने वाली हजारों लड़कियों और महिलाओं को बधाई देते हुए कहा, "परिवार और समाज में खुशी के साथ सुसमाचार की गवाही दें।" यह तीर्थालय 17वीं शताब्दी में माता मरियम को समर्पित किया गया था। परंपरा के अनुसार, लड़कों और पुरुषों की तीर्थयात्रा मई में होती है तथा लड़कियों और महिलाओं की तीर्थयात्रा अगस्त में होती है।

इस वर्ष, कार्डिनल गेरहार्ड मुलर ने पवित्र मिस्सा समारोह की अध्यक्षता की। प्रवचन में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि "येसु के क्रूस के नीचे खड़े रहना, और कायरता से भागना नहीं, यही एक सच्चा ख्रीस्तीय बनाता है"। उन्होंने कहा, जैसा कि संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने बताया, कि क्रूस के नीचे महिलाओं का खड़ा रहना "हमें महिलाओं के विशेष करिश्मे या, महिलाओं की धार्मिक प्रतिभा को भी दर्शाता है।"

'कलीसिया सुसमाचार प्रचार के लिए है'
माता मरियम तीर्थालय पिएकारी स्लैस्की कैटोविस मेट्रोपॉलिटन के अंदर आता है। कैटोविस मेट्रोपॉलिटन के महाधर्माध्यक्ष एड्रियन गैल्बास  ने इस बात पर जोर दिया कि "कलीसिया एक आध्यात्मिक स्पा (श्रोत) नहीं है; कलीसिया सुसमाचार प्रचार के लिए है।" फिर उन्होंने तीर्थयात्रा के आदर्श वाक्य का उल्लेख किया, "मैं कलीसिया में हूँ, इसलिए मैं आगे बढ़ता हूँ।"

प्रतिभागियों की गवाही प्रोत्साहन देने वाली है: "यह तीर्थयात्रा हमें पूरे वर्ष शक्ति प्रदान करती है। कैटोविस की एक महिला ने कहा, "माता मरिया हमें शक्ति देती है।" सबसे ज़्यादा बार-बार की जाने वाली प्रार्थनाओं में स्वास्थ्य, परिवार में सामंजस्य, विवाह और बच्चे शामिल थे।