पोप : ईश्वर के लिए सब कुछ संभव है

पोप फ्रांसिस ने जुलाई महीने में अपने स्थागित कार्यक्रमों की पुनः यथावत शुरूआत करते हुए बुधवार को आमदर्शन समारोह में भाग लिया।

पोप फ्रांसिस ने बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा पौल षष्ठम के सभागार में एकत्रित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो सुप्रभात।

आज की धर्मशिक्षा के संग हम मुक्ति इतिहास के दूसरे भाग में प्रवेश करते हैं। सृष्टि के कार्य में पवित्र आत्मा पर चिंतन करने के उपरांत हम कुछ सप्ताहों तक मुख्यतः येसु के मुक्ति कार्य के बारे में चिंतन करेंगे। अतः हम नये विधान पर प्रवेश करते हुए इसमें पवित्र आत्मा की उपस्थिति को देखेंगे।

पोप ने कहा कि आज की धर्मशिक्षा की विषयवस्तु है,“शब्द के शरीरधारण में पवित्र आत्मा।” हम संत लूकस के सुसमाचार में पढ़ते हैं, “पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा, और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया आप पर पड़ेगी” (लूका.1.35)। सुसमाचार लेखक संत मत्ती मरियम और पवित्र आत्मा के संबंध में इस मूलभूत तथ्य को यह कहते हुए सुदृढ़ता प्रदान करते हैं, “मरियम पवित्र आत्मा से गर्भवती हो गई” (मत्ती.1.18)।

कलीसिया का रहस्य
कलीसिया इस प्रकट रहस्य को अपने में वहन करती और विश्वास के चिन्ह स्वरुप इसे अपने  क्रेन्द में अंकित करती है। कास्तेनतुनिया के धार्मिक एकतावर्धक सम्मेलन ने सन् 381 में पवित्र आत्मा की दिव्यता को परिभाषित करते हुए इस लेख को धर्मसार के सूत्र स्वरुप अंकित किया।

इस भांति यह एकतावर्धक विश्वास का तथ्य है, क्योंकि सभी ख्रीस्तीय विश्वास की इस निशानी को एक साथ घोषित करते हैं। काथलिक कलीसिया की धर्मनिष्ठता, अनादि काल से, अपने एक दैनिक प्रार्थना, अर्थात देवदूत प्रार्थना में इसे सम्माहित करती है।

मरियम कलीसिया की वधू
पोप फ्रांसिस ने कहा कि विश्वास का यह लेख हमारे लिए मूलभूत आधार है जो हमें मरियम को अति महत्वपूर्ण वधू के रुप में देखने को मदद करती है जो कलीसिया की एक निशानी हैं। वास्तव में, येसु जैसे कि संत लेयो महान लिखते हैं, “ठीक वैसे ही जैसे कि वे पवित्र आत्मा के द्वारा एक कुंवारी मरियम से जन्म लिया, वैसे ही वे कलीसिया को अपनी बेदाग दुल्हन, जो उसी पवित्र आत्मा के जीवनदायी सांसों से फलहित होती है। यह समानतावाद धर्म सिद्धांत लुमेन जेन्सियुम से लिया गया है जो कहता है, “अपने विश्वास और आज्ञाकरिता में मरियम ने पिता के पुत्र को इस दुनिया में लाया, पुरूष के संसर्ग से नहीं बल्कि पवित्र आत्मा की छाया से... कलीसिया वास्तव में, कुंवारी के निष्कलंक रहस्य पर चिंतन करते हुए, उनकी करूणा का अनुसरण करती और निष्ठामय ढ़ग से पिता की इच्छा को पूरा करती है, जो विश्वास में ईश्वर के वचन को स्वीकार करते हुए स्वयं एक माता बनती, क्योंकि अपने उपदेश और बपतिस्मा द्वारा वह अपनी संतानों के लिए एक नया और अनंत जीवन लाती है जो पवित्र आत्मा से शरीरधारण करते और ईश्वर के द्वारा जन्म लेते हैं।