देवदूत प्रार्थना में पोप : प्रभु को सुनने से हमारे जीवन में प्रकाश आता है
रविवार को ख्रीस्त राजा पर्व के अवसर पर देवदूत प्रार्थना के पूर्व अपने संदेश में पोप फ्राँसिस ने संत योहन रचित सुसमाचार पाठ पर चिंतन किया तथा ख्रीस्तीयों को प्रोत्साहित किया कि वे ईश्वर के वचन को अपना मार्गदर्शक बनाएँ।
वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 24 नवम्बर को ख्रीस्त राजा महापर्व के अवसर पर पोप फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।
आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ (यो.18,33-37) येसु को पोंतुस पिलातुस के सामने प्रस्तुत करता है: जिन्हें मौत की सजा देने के लिए रोमन अभियोजक को सौंप दिया गया था। हालाँकि, येसु और पिलातुस दोनों के बीच बहस शुरू होता है। पिलातुस के प्रश्नों और प्रभु के उत्तरों के माध्यम से, विशेष रूप से दो शब्द बदल जाते हैं, एक नया अर्थ प्राप्त करते हैं। दो शब्द : "राजा" और "दुनिया"।
सबसे पहले पिलातुस ने येसु से पूछा: "क्या आप यहूदियों के राजा हैं?"(पद. 33) साम्राज्य के एक अधिकारी के रूप में तर्क करते हुए, वह यह समझना चाहता है कि क्या उसके सामनेवाला व्यक्ति एक खतरा तो नहीं है, और उसके लिए एक राजा के रूप उसका अधिकार है कि वह अपनी सारी प्रजा को आदेश दे।
येसु राजा हैं
पोप ने कहा कि यह उसके लिए एक खतरा हो सकता है? येसु राजा होने का दावा करते हैं, सही बात है, लेकिन बहुत अलग तरीके से! येसु राजा हैं क्योंकि वे एक गवाह है: वे सच बोलते हैं। येसु की शाही शक्ति, जो एक शरीरधारी शब्द हैं, उनके सच्चे शब्द और उनके प्रभावी शब्द में निहित है, जो दुनिया को बदल देता है।
दुनिया, यहाँ दूसरा शब्द है। पोंतुस पिलातुस की "दुनिया" वह है जहां ताकतवर कमजोरों पर, अमीर गरीबों पर, हिंसक नम्र लोगों पर जीत हासिल करता है, यानी एक ऐसी दुनिया जिसे दुर्भाग्य से हम अच्छी तरह से जानते हैं।
येसु राजा हैं, परन्तु उनका राज्य इस संसार का नहीं है, यहाँ तक कि वे भी इस संसार के नहीं हैं।
उनका राज्य इस संसार का नहीं है
येसु की दुनिया, वास्तव में, नई और शाश्वत दुनिया है, जिसे ईश्वर हमारे उद्धार के लिए अपना जीवन देकर सभी के लिए तैयार करते हैं। यह स्वर्ग का राज्य है, जिसे मसीह अनुग्रह और सत्य को उँडेलकर पृथ्वी पर लाते हैं।(यो. 1,17)
येसु जिस दुनिया के राजा हैं, वह ईश्वरीय प्रेम की ताकत से बुराई से बर्बाद हुई सृष्टि को बचाती है, येसु ही सृष्टि को बचाते, मुक्त करते, क्षमा देते, शांति और न्याय प्रदान करते है।“लेकिन क्या ये सच है?”
पोप ने कहा, “जी हाँ।” येसु हमारे दिल के हर बोझ, हर पुरानी गलती, सदैव क्षमा करते हैं। येसु क्षमा करने से कभी नहीं थकते। यही येसु का राज्य है। यदि आपके अंदर कुछ बुरा है, तो क्षमा मांगें। और वे हमेशा माफ कर देंगे।
प्रभु को सुनें
पोप ने कहा, “येसु पिलातुस से बहुत करीब से बात करते हैं, लेकिन वह उनसे दूर रहता है, क्योंकि वह एक अलग दुनिया में रहता है। पिलातुस सच्चाई को सामने नहीं रखता, भले ही सच्चाई उसके सामने हो। वह येसु को क्रूस पर चढ़ा देगा, और क्रूस पर यह लिखने का आदेश देगा: "यहूदियों का राजा।"(यो. 19,19) इस शब्द का अर्थ समझे बिना, लेकिन ख्रीस्त इस संसार में आये और जो सत्य से आता है वह उनकी आवाज सुनता है। (यो.18:37) यह ब्रह्मांड के राजा की आवाज है, जो हमें बचाते हैं।
प्रभु हमारी दुनिया में आते हैं
प्रभु को सुनना, हमारे दिलों और हमारे जीवन पर प्रकाश डालता है। तो आइए हम अपने आप से पूछें, हर कोई अपने दिल में खुद से पूछे: क्या मैं कह सकता हूँ कि येसु मेरा "राजा" है? या क्या मेरे दिल के अंदर अन्य "राजा" हैं? किस तरीके से? क्या उनका वचन मेरा मार्गदर्शक, मेरी निश्चितता है? क्या मैं उनमें ईश्वर का दयालु चेहरा देखता हूँ जो हमेशा माफ करते हैं, वे हमें क्षमा प्रदान करने का इंतजार कर रहे हैं?
तब माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, “आइए, हम प्रभु की दासी मरियम के साथ प्रार्थना करें, जब हम आशा के साथ ईश्वर के राज्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”