महिलाओं के आत्मदान की क्षमता विश्व में शांति ला सकती है, पोप 

पोप फ्राँसिस ने काथलिक महिला संगठनों के विश्व संघ के साथ मुलाकात की और महिलाओं को संबंध बनाने की उनकी क्षमता के माध्यम से शांति पाने में दूसरों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित किया।

काथलिक महिला संगठनों के विश्व संघ (डब्ल्यूयूसीडब्ल्यूओ) ने 14-20 मई को असीसी में अपनी महासभा से पहले शनिवार 13 मई को वाटिकन के संत पापा पॉल षष्टम सभागार में एक विशेष रैली का आयोजन किया।

पोप फ्राँसिस ने वाटिकन के संत पापा फॉल षष्टम सभागार में काथलिक महिला संगठनों के विश्व संघ के करीब 1500 महिलाओं से मुलाकात की। संत पापा ने विश्व के विभिन्न देशों से आई महिलाओं और उनके परिवार के सदस्यों का अभिवादन किया।

पोप ने कहा कि यहां उनकी उपस्थिति अपने आप को महासभा में भाग लेने के लिए तैयार का समय है जो अगले सप्ताह असीसी में आयोजित किया जाएगा। संत पापा ने कहा कि यह उनके मिशनरी आवेग को नवीनीकृत करने का एक अवसर है, संघ के संस्थापकों द्वारा प्रेरित मूल सिद्धांतों का पालन करते हुए वे दुनिया को खुली आँखों और दिल से देखें और  उन महिलाओं का विलाप सुनें जो अन्याय, परित्याग, भेदभाव, गरीबी का शिकार हैं। महिलाओं की विश्व वेधशाला जिसे आपने लॉन्च किया है, वह आपको जरूरतों की पहचान करने के लिए संकेत देगी और इस प्रकार भला "समारी" बनने में सक्षम होंगी,

पोप फ्राँसिस ने कहा कि हमारी दुनिया को शांति की सख्त आवश्यकता है, यह हमारे दिलों में शुरू होना चाहिए जो "घृणा और आक्रोश से विभाजित हो गए हैं।"

उन्होंने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के सामने आने वाले खतरे पर भी अफसोस जताया जहां वे "राजनीतिक विवादों और सांस्कृतिक विचारधाराओं" के बीच उपकरण बनने का जोखिम उठाती हैं।

पोप ने कहा, "संबंधों और आत्मदान की महिलाओं की क्षमता की अधिक सराहना की आवश्यकता है। और पुरुषों को उन मानवशास्त्रीय तत्वों को पुनः प्राप्त करने के लिए, जो मानव पहचान की विशेषता रखते हैं और इसके साथ, परिवार और समाज में महिला और उसकी भूमिका तथा उनके द्वारा दी जाने वाली पारस्परिकता की समृद्धि को बेहतर ढंग से समझने की आवश्यकता है।

चूंकि कलीसिया शनिवार को फातिमा की माता मरियम का पर्व मनाती है, पोप फ्राँसिस ने डब्ल्यूयूसीडब्ल्यूओ की महिलाओं से आग्रह किया कि वे कुँवारी मरियम को जीवन के आदर्श के रूप में देखें।

उन्होंने कहा कि वह अपने मिशन को पूरी तरह से जीती हैं, दुनिया को मातृत्व का उपहार प्रदान करती हैं और कलीसिया में अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए अपने काम को पूरा करती हैं।

उन्होंने कहा, "माता मरिया आपको जीवन उत्पन्न करना और हमेशा इसकी रक्षा करना, कोमलता और करुणा से दूसरों के साथ संबंध बनाना सिखाती है।"

संत पापा ने उनसे तीन "शब्दों" को जोड़ने का भी आग्रह किया,  वे हैं "मन, हृदय और हाथ"।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना ​​है कि महिलाओं में यह सोचने की क्षमता है कि वे क्या महसूस करती हैं, वे क्या सोचती हैं और क्या करती हैं और जो वे महसूस करती हैं और सोचती हैं, उसे करने की क्षमता है। "मैं आपको दूसरों की सेवा में इस संवेदनशीलता की पेशकश जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ।"

पोप ने उस शक्ति पर विचार करना जारी रखा जिसने माता मरिया को शक्ति दी और उन साधारण चरवाहे बच्चों को विश्वसनीयता प्रदान की जिनके लिए धन्य कुँवारी फातिमा में प्रकट हुई थी।

उन्होंने कहा शिष्यता का रहस्य, ईश्वर के साथ एक आंतरिक मिलन को बढ़ाने में निहित है और माता मरियम की तरह जीने के लिए, ईश्वर के मुक्ति कार्य को पूरा करने के लिए चुने जाने की जागरूकता के साथ महिला होने की पूर्णता" के लिए उसके साथ एकजुट रहना है।

पोप फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्त के साथ मिलन को कलीसिया के साथ एकता और दूसरों की सेवा के माध्यम से महिलाओं के दैनिक जीवन में प्रकट होना चाहिए।

उन्होंने कहा, "आपको अपने काम के समय में 'प्रार्थना' करनी है और आपने प्रार्थना में जो अनुभव किया है उसे 'अभ्यास' में लाना है, ताकि कलीसिया के मिशन के साथ तालमेल बिठाया जा सके।"

अंत में, पोप फ्राँसिस ने डब्ल्यूयूसीडब्ल्यूओ की महिलाओं को प्रोत्साहित किया कि वे आत्मा की आंतरिक आवाज को सनें और सुसमाचार प्रचार गतिविधियों में आगे बढ़ने का प्रयास करें।