संत फ्रांसिस जेवियर के अवशेषों की 18वीं प्रदर्शनी के लिए तीर्थयात्री गोवा में उमड़े
संत फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेषों की दस साल की प्रदर्शनी पुराने गोवा में बसिलिका ऑफ बॉम जीसस में शुरू हुई, जिसमें पूरे भारत और उसके बाहर से तीर्थयात्री आ रहे हैं।
एक दशक में एक बार, भारतीय राज्य गोवा संत फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी के लिए हजारों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
काथलिक कनेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पवित्र अवशेषों की 18वीं समारोही प्रदर्शनी 21 नवंबर, 2024 को पुराने गोवा में बसिलिका ऑफ बॉम जीसस में शुरू हुई और जनवरी 2025 तक जारी रहेगी।
यह ऐतिहासिक उत्सव संत फ्रांसिस जेवियर, एक स्पेनिश मिशनरी और येसु समाजियों (जेसुइट्स) के सह-संस्थापक को सम्मानित करता है, जो पूरे एशिया में अपने मिशनरी कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें विशेष रूप से भारत में ख्रीस्तीय धर्म के प्रसार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सम्मानित किया जाता है।
उद्घाटन समारोह
गोवा और दामाओ के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल फिलिप नेरी अंतोनियो सेबेस्टियाओ डो रोसारियो फेराओ ने 21 नवंबर, 2024 को उद्घाटन यूखारीस्तीय समारोह के दौरान भारत और विदेशों से आए 12,000 श्रद्धालुओं का स्वागत किया।
मुख्य समारोहकर्ता, दिल्ली के महाधर्माध्यक्ष अनिल जोसेफ थॉमस कोटो ने संत फ्रांसिस जेवियर को “एक मिशन पर एक व्यक्ति” के रूप में वर्णित किया, जिसका जीवन मुक्तिदाता मसीह का गवाह था। अपने प्रवचन में, महाधर्माध्यक्ष कोटो ने श्रद्धालुओं से संत फ्रांसिस के भावुक उत्साह और शिष्यत्व की आध्यात्मिक विरासत का अनुकरण करने का आग्रह किया।
संत फ्रांसिस जेवियर के पवित्र अवशेषों को एक जुलूस में बोम जीसस के बसिलिका से ‘से महागिरजाघर’ तक ले जाया गया। (‘से’ शब्द पुर्तगाली भाषा में समुद्र के लिए है) संत के ताबूत को ले जाने वाली विशेष रूप से डिज़ाइन की गई इलेक्ट्रिक गाड़ी थी।
श्रद्धालुओं द्वारा संत का दर्शन
आमतौर पर बसिलिका ऑफ़ बॉम जीसस में रखे जाने वाले अवशेष, जनवरी 2025 में प्रदर्शनी के समापन तक प्रतिदिन दोपहर 3:00 बजे से ‘से महागिरजाघर में श्रद्धालुओं द्वारा संत का दर्शन के लिए खुले रहेंगे।
इस बहु-सप्ताहीय कार्यक्रम में विभिन्न धार्मिक समारोह जैसे कि सामूहिक प्रार्थना, प्रार्थना सेवाएँ, नोवेना प्रार्थना और जुलूस शामिल हैं। यह भव्य प्रदर्शनी गहन आध्यात्मिक चिंतन, भक्ति और उत्सव का समय है, जो गोवा की समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को प्रदर्शित करती है।