शांति हेतु इज़राएली एवं फिलीस्तीनी नेता मिले पोप से

वाटिकन में गुरुवार को इज़राएली एवं फिलीस्तीनी नेताओं ने पोप फ्राँसिस के समक्ष शांति स्थापना हेतु एक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। पूर्व इज़राएली प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट तथा पूर्व फिलिस्तीनी विदेश मंत्री नासिर अल-किदवा ने अपने देशों में जारी युद्ध की समाप्ति हेतु शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इज़राएली एवं फिलीस्तीनी नेता
गुरुवार को वाटिकन में एहुद ओलमर्ट ने नासिर अल-किदवा और शांति कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पोप फ्रांसिस द्वारा स्वागत किए जाने के बाद कहा, "यह एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक बैठक थी। सन्त पापा फ्राँसिस ने मध्य पूर्व हेतु शांति प्रयासों में असाधारण रुचि दिखाई।"

ओलमर्ट 2006 से 2009 तक इज़राएल के प्रधानमंत्री रहे थे तथा उससे पहले कैबिनेट मंत्री और जैरूसालेम के नगराध्यक्ष। इस बैठक में, 2005 से 2006 तक, फिलीस्तीनी प्राधिकरण के विदेश मंत्री रह चुके नासिर अल-किदवा भी शामिल थे।  

मुलाकात के बाद वाटिकन मीडिया से बात करते हुए ओलमर्ट और अल-किदवा ने बताया कि उन्होंने सन्त पापा के समक्ष गाज़ा के लिए शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

2006 में लेबनान युद्ध के दौरान युद्ध विराम पर हस्ताक्षर के समय ओलमर्ट इज़राएली प्रधानमंत्री थे। आप फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ दो राज्यों के निर्माण के लिए समझौते पर पहुंचने के अंतिम वास्तविक प्रयास के पीछे थे। उन्होंने कहा, "सन्त पापा फ्रांसिस ने आधे घंटे से अधिक समय तक हमारे प्रस्ताव पर  असाधारण ध्यान दिया और बताया कि वे प्रतिदिन संघर्ष के प्रत्येक घटनाक्रम पर नज़र रख रहे थे और प्रतिदिन गाज़ा के ख्रीस्तानुयायियों के साथ संपर्क में थे।"

असाधारण सम्मान
श्री ओलमर्ट ने कहा, "वाटिकन में पोप फ्राँसिस द्वारा हमारा स्वागत किया जाना एक असाधारण सम्मान की बात थी और हम महसूस कर सकते थे कि वे उस संदेश पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे जिसे हम आगे लाना चाहते थे,  जो यह है कि गाज़ा में युद्ध को रोकना होगा, बंधकों को उनके परिवारों को वापस करना होगा, इज़राएल को गाज़ा से पूरी तरह से बाहर निकलना होगा, साथ ही इज़राएलियों और फिलिस्तीनियों को दो-राज्य समाधान पर व्यापक शांति के लिए तुरंत वार्ता शुरू करनी होगी।"

उन्होंने जैरूसालेम के प्राचीन शहर की स्थिति के लिए एक विशेष समझौते की संभावना का भी उल्लेख किया, जो फिलिस्तीन और इज़राएल सहित पांच देशों के एक ट्रस्ट के अधिकार क्षेत्र के तहत, सभी विश्वासियों अर्थात् ख्रीस्तीयों, यहूदियों और मुसलमानों को अपने-अपने धर्म का पालन की स्वतंत्रता प्रदान करता हो।

नासिर अल-किदवा
फिलीस्तीन के ऐतिहासिक नेता यासर अराफ़ात के भतीजे तथा पूर्व फिलिस्तीनी विदेश मंत्री नासिर अल-किदवा ने श्री ओलमर्ट के बयान की पुष्टि करते हुए कहा, "हमने सन्त पापा फ्राँसिस को गाज़ा के लिए अपना शांति प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसमें तत्काल युद्ध विराम, हमास द्वारा अभी भी बन्धक रखे जा रहे इज़राएली लोगों की रिहाई, साथ ही इज़राएली जेलों में बन्द फिलिस्तीनी राजनैतिक बंदियों की रिहाई, और एक दूसरे के साथ शांति से रहने वाले दो अलग-अलग राज्यों के निर्माण के लिए बातचीत को फिर से शुरू करना शामिल है।"

उन्होंने कहा, "एक टीम के रूप में और निश्चित रूप से, युद्ध को समाप्त करने तथा 1967 की सीमाओं के आधार पर सहअस्तित्वपूर्ण शांति वाले दो राज्यों के रूप में इज़राएलियों एवं फिलिस्तीनीयों के बीच शांति प्राप्त करने के हमारे मिशन के लिए सन्त पापा फ्राँसिस के साथ बातचीत करना अत्यधिक महत्वपूर्ण था।"

नासिर अल-किदवा ने कहा, "मेरा विश्वास है कि सन्त पापा इस योजना को और हमारे कार्यों को आशीर्वाद देंगे, जिससे निश्चित रूप से स्थिति में बहुत बड़ा अंतर आएगा।"