राष्ट्रीय सम्मेलन में मानव तस्करी विरोधी अभियान में कलीसिया की भूमिका पर ज़ोर

गुवाहाटी, 27 अगस्त, 2025: पूर्वोत्तर भारत में मानव तस्करी को समाप्त करने के लिए कार्यरत समूहों ने इस सामाजिक समस्या से निपटने के लिए क्षेत्र के चर्चों के बीच एक नेटवर्क स्थापित किया है।

पीपल यूनाइटिंग टू स्टॉप ह्यूमन ट्रैफिकिंग (PUSH) के राष्ट्रीय संयोजक रोहित भल्ला ने गुवाहाटी, असम में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा- "जब कलीसिया विश्वास और कार्य में एकजुट होती है, तो हम प्रवासन को एक असुरक्षित कहानी से आशा की यात्रा में बदल सकते हैं।" 

उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर भारत आस्था और संस्कृति से समृद्ध है, लेकिन असुरक्षित प्रवास और तस्करी के स्रोत के रूप में अभी भी असुरक्षित बना हुआ है।

PUSH के अलावा, 26-27 अगस्त को डॉन बॉस्को इंस्पिरेशन, खरगुली में आयोजित कार्यक्रम में नागरिक समाज संगठनों, चर्चों और तस्करी विरोधी कार्यकर्ताओं के एक नेटवर्क ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में 12 चर्चों और ईसाई संगठनों के 65 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने स्थायी समाधानों को बढ़ावा देने के लिए प्रार्थना, आराधना और रणनीतिक संवाद में दो दिन बिताए।

भारतीय कैथोलिक बिशप सम्मेलन, जेसुइट शरणार्थी सेवा और डॉन बॉस्को नेटवर्क के अंतर्गत प्रवासी आयोग ने प्रवासियों की सुरक्षा और कार्य की गरिमा को बनाए रखने के चर्च के साझा मिशन पर प्रकाश डाला।

भल्ला ने जहाँ मानव तस्करी से निपटने में धार्मिक समुदायों की भूमिका पर ज़ोर दिया, वहीं आशिमा सैमुअल ने कानूनी और सामाजिक सुरक्षा ढाँचों पर चर्चा की; के.ए. जयकुमार ने विकास और नीतिगत दृष्टिकोणों पर प्रकाश डाला; सेल्सियन फादर जो प्रभु और जॉर्ज मैथ्यू ने कौशल निर्माण और आजीविका के अवसरों पर चर्चा की; और सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी जयकुमार ने शासन संबंधी अंतर्दृष्टि प्रदान की।

सम्मेलन में कमजोर समुदायों की रक्षा, आजीविका को मज़बूत करने और न्याय एवं एकजुटता के माध्यम से ईश्वर के राज्य को आगे बढ़ाने में विश्वव्यापी सहयोग की शक्ति पर ज़ोर दिया गया।