प्रकृति के दुरुपयोग के विरुद्ध कार्डिनल डेविड ने दी चेतावनी
ब्राजील के बेलेम शहर में जारी कॉप 30 जलवायु शिखर सम्मेलन के अवसर पर फिलीपींस के कार्डिनल पाब्लो डेविड ने उन सभी फिलीपींसवासियों के पक्ष में आवाज़ उठाई जो जलवायु परिवर्तन के भयावह परिणामों को सीधे तौर पर झेल रहे हैं।
ओशनोग्राफिक पैवेलियन पर ख़तरा
बेलेम में संयुक्त राष्ट्र के जलवायु शिखर सम्मेलन में भाग लेने पहुँचे फिलीपींस में कालूकन के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल पाब्लो विरजिलियो डेविड ने बताया कि उनकी मुलाक़ात ओशनोग्राफिक पैवेलियन के एक व्यक्ति से हुई जिसने यह जानकर कि मैं फिलीपींस से हूँ, मुझसे कहा कि यदि आप फिलिपिन्स से हैं तो आप जलवायु परिवर्तन के पहले शिकार हैं। उस व्यक्ति ने कहा कि प्रशांत महासागर में तापमान में सिर्फ़ एक डिग्री की वृद्धि से सभी प्रवाल भित्तियाँ नष्ट हो सकती हैं।
कार्डिनल डेविड ने वाटिकन न्यूज़ कहा कि हम इस वास्तविकता से वाकिफ़ हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि ओशनोग्राफिक पैवेलियन के लोगों के साथ साथ अन्य लोग भी इस ख़तरे को समझेंगे। उन्होंने कहा, "बहुत से विदेशी हमारे समुद्र तटों पर आते हैं और सफ़ेद रेत देखते हैं, लेकिन उन्हें यह एहसास नहीं होता कि जिस सफ़ेद रेत पर वे कदम रख रहे हैं, वह ग्लोबल वार्मिंग से फीके पड़े मृत प्रवालों के अवशेष हैं।" उन्होंने कहा कि यह देखने में तो अच्छा लगता है, लेकिन यह समझना होगा कि "वे किसी मृत चीज़ पर कदम रख रहे हैं।"
जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी असर
कार्डिनल डेविड ने देश के उत्तरी हिस्से में कुछ दिनों पूर्व आये भीषण भूकम्प को याद किया जिसके उपरान्त एक शक्तिशाली तूफ़ान भी उसी रास्ते पर आया।” उन्होंने याद किया कि कैसे उनके अपने चचेरे भाई के परिवार को रात में बाढ़ का पानी बढ़ने पर अपनी छत से बचाना पड़ा था। उन्होंने बताया कि उनके पास कुछ भी बचाने का समय नहीं था। पानी दूसरी मंज़िल तक पहुँच गया था, इसलिए उन्हें छत में एक छेद करके बचाए जाने का इंतज़ार करना पड़ा।”
जलवायु परिवर्तन और उसके विनाशकारी प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित कराकर उन्होंने कहा, “तूफ़ान और भी तेज़, विनाशकारी होते जा रहे हैं और अपने साथ बहुत ज़्यादा बारिश लेकर आ रहे हैं। ये कुछ ही घंटों में बारिश कर देते हैं, जिससे तबाही मच जाती है।”
धरती की सुनें
कार्डिनल महोदय ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि "ग्लोबल वार्मिंग के लिए सबसे कम ज़िम्मेदार लोग सबसे ज़्यादा पीड़ित हैं, तथापि उन्होंने कहा कि बदलाव अभी भी संभव है। यदि हम सुनें - सचमुच सुनें - एक-दूसरे की और धरती की पुकार को सुनें तो अभी भी उम्मीद है।"
कार्डिनल डेविड कहते हैं कि कॉप 340 में उनका संदेश निंदा का नहीं, बल्कि परिवर्तन का आमंत्रण है। उन्होंने कहा कि "मैं यहाँ यह कहने आया हूँ: कृपया, ईश्वर की ख़ातिर, आइए हम सब एक साथ बैठें और अपनी अन्तःकरण की जाँच करें।" काथलिक परंपरा से प्रेरणा लेते हुए कार्डिनल डेविड ने सामंजस्य के चार तत्वों - स्वीकारोक्ति, पश्चाताप, प्रायश्चित और क्षमा - की रूपरेखा प्रस्तुत की और उन्हें पर्यावरण के साथ मानवता के संबंधों पर लागू करने हेतु सबको आमंत्रित किया।