पोप : वाटिकन हेतु एग्रीवोल्टाईक संयंत्र के निर्माण का आदेश
संत फ्रांसिस ने प्रेरितिक पत्र "फ्रेटेल्लो सोले" के माध्यम से, मोटू प्रोप्रियो जारी करते हुए, सांता मारिया, गैलेरिया के बाहरी क्षेत्र में एक एग्रीवोल्टाईक प्लांट के निर्माण का आदेश दिया।
पोप फ्रांसिस ने "एक स्थायी विकास मॉडल में परिवर्तन करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए, जो वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करता है और जलवायु तटस्थता का लक्ष्य निर्धारित करता है," सांता मारिया दी गैलेरिया के बाह्यक्षेत्रीय क्षेत्र में एक एग्रीवोल्टाईक संयंत्र के निर्माण का आदेश दिया है।
एग्रीवोल्टाईक में सौर ऊर्जा उत्पादन और कृषि के लिए भूमि का दोहरी उपयोगिता शामिल है। यह संत पापा के नए प्रेरितिक पत्र फ्रेतेल्लो सोले ("भाई सूर्य") में व्याख्या किया गया है, "मानव के पास पर्यावरणीय परिवर्तन और इसके हानिकारक नैतिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिणामों से निपटने के लिए तकनीकी साधन हैं; और इनमें सौर ऊर्जा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”
फ्रेतेल्लो सोले में, संत फ्रांसिस ने मानव जाति को इसके लिए निमंत्रण दिया है कि वह सौर ऊर्जा का उपयोग करें, जो कि विश्वव्यापी वार्मिंग और जीवाश्म ईंधन के "व्यापक" उपयोग को कम करते हुए मानवीय जीवनशैली में बदलाव लाने को मदद करेगा। सन् 2022 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र संगोष्ठी में व्यक्त की गई परमधर्मपीठ की बातों की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि हम सभी विभिन्न रुपों में अपनी जिम्मेदारियों और क्षमताओं के अनुसार, जलवायु परिवर्तन द्वारा मानवता और हमारे आम निवास के लिए उत्पन्न हुए चुनौतियों का पर्याप्त जवाब देने की कोशिश करें।
एग्रीवोल्टाईक प्लांट सांता मारिया डी गैलेरिया में वाटिकन की संपत्ति का उपयोग करेगा। रोम में, 424 हेक्टेयर जमीन पर वाटिकन रेडियो के लिए संचार सुविधाएं हैं, जो वाटिकन और इटली के बीच 1951 के समझौते की बदौलत संभंव हो पाया है। नए प्लांट का उद्देश्य वाटिकन रेडियो हेतु ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करना और “संपूर्ण वाटिकन शहर के लिए ऊर्जा आपूर्ति” में योगदान देना है।
एग्रीवोल्टाईक प्लांट के निर्माण कार्य की जिम्मेदारी वाटिकन राज्य के गवर्नरेट के अध्यक्ष कार्डिनल फर्नांडो वेरगेज़ अल्ज़ागा, एलसी; और वाटिकन के पैट्रिमनी प्रशासन के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष जोरदानो पिच्चिनोत्ती, एसडीबी को सौंपी गई है। मोटू प्रोप्रियो के साथ, संत पापा ने दो पुरोहितों को "असाधारण आयुक्तों" के रूप में नियुक्त किया है, जिसमें योजना को पूरा करने के पूर्ण अधिकार शामिल हैं, इसके साथ ही उन्हें इस कार्यों के संबंध में लातेरन संधि के अनुसार इतालवी सरकार के संग संवाद करने का अधिकार भी दिया गया है।
पोप फ्रांसिस ने वाटिकन सचिवालय को "असाधारण आयुक्तों के हर अनुरोध को सुविधाजनक बनाते हुए यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उस निर्माण क्षेत्र में वाटिकन के लिए जो कुछ भी उपलब्ध है, उन्हें पूर्ण रूपेण सुरक्षित रखा जाये।