पोप ने म्यांमार में हिंसा के अंत और शांति वार्ता के लिए प्रार्थना की

देवदूत प्रार्थना के उपरांत पोप ने युद्धग्रस्त देशों के लिए प्रार्थना की, म्यांमार के लोगों की पीड़ा को याद किया, “विशेषकर सबसे कमजोर: बच्चे, बुजुर्ग, बीमार, रोहिंग्या सहित शरणार्थी लोगों को।” उन्होंने सभी से यूक्रेन, फिलिस्तीन, इस्राएल, लेबनान और सूडान को भी याद करने के लिए कहा।

पोप ने म्यांमार की याद की जो सोमवार को पहले छात्र विरोध की याद में राष्ट्रीय दिवस मनाएगा, जिसने देश को आजादी की ओर एक शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक वातावरण की संभावना की ओर अग्रसर किया। मैं म्यांमार की पूरी जनता, खासकर, चल रही लड़ाई से पीड़ित लोगों, विशेषकर सबसे कमजोर लोगों: बच्चों, बुजुर्गों, बीमारों और रोहिंग्या सहित शरणार्थियों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता हूँ। मैं इसमें शामिल सभी पक्षों से अपने हथियारों को शांत करने और स्थायी शांति सुनिश्चित करने में सक्षम एक ईमानदार और समावेशी बातचीत शुरू करने की हार्दिक अपील करता हूँ।”

उसके बाद पोप ने रोम इटली तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

युद्धग्रस्त देशों यूक्रेन, फिलिस्तीन, इस्राएल, लेबनान और सूडान के पीड़ित लोगों के लिए विश्वासियों से प्रार्थना का आग्रह करते हुए पोप ने शांति की अपील दोहरायी।

धन्य घोषणा
शनिवार को दो नये धन्यों की घोषणा हुई जिनकी याद करते हुए संत पापा ने कहा, “कल बार्सिलोना में फादर केयतानो क्लॉसेलास बॉलवे और लोकधर्मी अंतोनियो तोरत रीक्साक्स, जिनकी 1936 में स्पेन में विश्वास के प्रति घृणा के कारण हत्या कर दी गई थी, धन्य घोषित किये गये। हम ख्रीस्त और सुसमाचार के इन अनुकरणीय गवाहों के महान वरदान के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं।” तब उन्होंने ताली बजाकर नये धन्यों को सम्मानित किया।

पोप ने याद किया कि स्थानीय कलीसियाओं में 24 नवम्बर को 39वाँ विश्व युवा दिवस मनाया गया। जिसकी विषयवस्तु है जो लोग प्रभु पर भरोसा रखते हैं वे बिना थके चलते हैं। (इसा.40:31) संत पापा ने कहा “युवा लोग भी कभी-कभी थक जाते हैं यदि वे प्रभु पर भरोसा नहीं रखते!” संत पापा ने पुर्तगाल एवं कोरिया के युवाओं को बधाई दी जिन्होंने 2027 में सियोल में होनेवाले विश्व युवा दिवस के प्रतीक को हस्तांतरित किया।

दो नये युवा संतों की होगी घोषणा
युवा धन्य कार्लो अकुतिस एवं धन्य पियेर जॉर्ज फ्रासाती की संत घोषणा की याद दिलाते हुए पोप ने कहा, “जैसा कि मैंने पहले ही घोषणा की है, 27 अप्रैल को, किशोरों की जयंती के संदर्भ में, मैं धन्य कार्लो अकुतिस को संत घोषित करूंगा। इसके अलावा, संत प्रकरण के लिए गठित विभाग द्वारा सूचना मिली है कि धन्य पियर जॉर्जो फ्रासाती की संत घोषणा के कारणों की जाँच प्रक्रिया सकारात्मक रूप से समाप्त होने वाली है, उन्होंने कहा, मैं कार्डिनलों की राय प्राप्त करने के बाद, 3 अगस्त को युवा जयंती के दौरान उन्हें संत घोषित करने का इरादा रखता हूँ। तब उन्होंने दोनों नए संतों को ताली बजाकर सम्मानित किया।

और अंत में, उन्होंने अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।