पोप ने धर्माध्यक्ष विल्फ्रेड ग्रेगोरी मोरास को झांसी धर्मप्रांत का नया धर्माध्यक्ष नियुक्त किया

पोप फ्राँसिस ने झाँसी धर्मप्रांत के नये धर्माध्यक्ष के रुप में धर्माध्यक्ष विल्फ्रेड ग्रेगोरी मोरस को नियुक्त किया, अबतक वे उसी धर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष के रुप में अपनी सेवा दे रहे थे।

पोप फ्राँसिस ने शनिवार 28 दिसंबर झाँसी धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष पीटर पैरापुलिल द्वारा प्रस्तुत इस्तीफा को स्वीकार कर लिया है और उनके उत्तराधिकारी के रुप में उसी धर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष विल्फ्रेड ग्रेगोरी मोरस को नियुक्त किया।

पोप फ्राँसिस ने 11 मई, 2024 को फादर विल्फ्रेड ग्रेगोरी मोरास (55) को झांसी धर्मप्रांत के सहायक धर्माध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया।

6 अगस्त 2024 को दोपहर 3.30 बजे झांसी के सी.के.सी. ग्राउंड में भारत और नेपाल के राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोल्डो जिरेली की उपस्थिति में आगरा के महाधर्माध्यक्ष राफी मंजली ने नवनियुक्त धर्माध्यक्ष विल्फ्रेड ग्रेगोरी मोरस का धर्माध्यक्षीय अभिषेक दिया था।

संक्षिप्त जीवनी
धर्माध्यक्ष मोरास का जन्म 13 फरवरी, 1969 को मैंगलोर धर्मप्रांत के नीरुदे में हुआ था और उन्होंने इलाहाबाद में संत जोसेफ रीजनल सेमिनरी में दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया था। 27 अप्रैल, 1997 को लखनऊ धर्मप्रांत के लिए उनका पुरोहिताभिषेक किया गया था।

उन्होंने निम्नलिखित सेवाकार्य किया और आगे की पढ़ाई की : संत पॉल माइनर सेमिनरी, लखनऊ में प्रशिक्षक (1997-1999); धर्माध्यक्ष के सचिव (1999-2002); पलिया में संत अन्ना स्कूल के उपाध्यक्ष (2002-2003); रोम में परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वदिद्यालय में मिस्योलोजी में स्नातक की पढ़ाई (2003-2006); निगोहन में संत फ्रांसिस स्कूल और हॉस्टल के अध्यक्ष और निदेशक (2007-2008); बाराबंकी में संत अंतोनी स्कूल के अध्यक्ष (2008-2013); रोम में परमधर्मपीठीय उर्बान विश्वदिद्यालय में मिस्योलोजी में डॉक्टरेट (2013-2016); और वाराणसी में नव साधना क्षेत्रीय पास्टोरल केंद्र के निदेशक (2017-2021)।

 2021 से वे इलाहाबाद में संत जोसेफ क्षेत्रीय सेमिनरी के रेक्टर थे।