पोप ने जी7 से कहा: एआई ‘न तो वस्तुनिष्ठ है और न ही तटस्थ’
जी7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पोप फ्राँसिस ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के खतरे और संभावनाओं, ‘तकनीकी-मानव स्थिति’, मानव बनाम एल्गोरिथम निर्णय लेने, एआई-लिखित निबंध और प्रौद्योगिकी पर राजनीतिक सहयोग की आवश्यकता पर चर्चा की।
13 से 15 जून के बीच इटली के पुलिया में जी7 का 50वां शिखर सम्मेलन हो रहा है। जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। इटली जी-7 (सात देशों के समूह) शिखर सम्मेलन की वर्तमान में अध्यक्षता और मेजबानी कर रहा है। जी7 शिखर समनेलन में कृत्रिम बुद्धि यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्यसागरीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
इटली में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन कई कारणों से महत्वपूर्ण है।
जी-7 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य
सबसे पहले इसका उद्देश्य दुनिया में बढ़ती मंहगाई और व्यापार से जुड़ी चिंताओं के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए आर्थिक नीतियों को कोऑर्डिनेट करना है।
दूसरा, इस शिखर सम्मेलन में कार्बन उत्सर्जन को कम करने और सस्टेनेबेल एनर्जी को बढ़ावा देने की रणनीति होगी और जलवायु परिवर्तन से निपटने पर ध्यान फोकस किया जाएगा।
तीसरा मुद्दा होगा वैश्विक स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाना क्योंकि कोविड19 के बाद ये बात और साफ़ हुई कि इस तरह के स्वास्थ्य आपातकाल के लिए सिस्टम को और बेहतर बनाना होगा।
इसके अलावा सम्मेलन में भू-राजनीतिक तनावों, चीन और रूस सहित ग़ज़ा और यूक्रेन युद्ध भी चर्चा की जाएगी।
इटली ने भारत अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। हालांकि, यूरोपीय संघ जी-7 का सदस्य नहीं है, लेकिन यह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इटली पहुंच गए हैं। पुलिया के ब्रिंडिसि हवाई अड्डे पर इटली में भारत के राजदूत वाणी राव और अन्य अधिकारियों ने पीएम मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "G7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली पहुंचा। विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।" प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा, "मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा को गर्मजोशी से स्वागत के लिए याद करता हूं"। उस वक्त वे पोप फ्राँसिस से मिलने और उनका आशीर्वाद लेने वाटिकन गये थे। इस सत्र में संत पापा फ्राँसिस भी शामिल हो रहे हैं और संत पापा फ्राँसिस के मोदी जी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की भी उम्मीद है।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर जी-7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में भाग लेने के लिए पोप फ्राँसिस आज सुहह 10.30 बजे वाटिकन हेलीपोर्ट से उड़ान भरे और दोपहर 12.10 बजे बोर्गो एग्नाज़िया खेल मैदान में उतरे। वहाँ इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने पोप फ्राँसिस का स्वागत किया गया। संत पापा गोल्फ़ कार द्वारा आरक्षित आवास पहुँचे।
वहाँ पोप फ्राँसिस ने द्विपक्षीय वार्ता में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की महानिदेशक श्रीमती क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, यूक्रेन गणराज्य के राष्ट्रपति श्री वलोडिमिर ज़ेलेंस्की, फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन, कनाडा के प्रधान मंत्री श्री जस्टिन ट्रूडो के साथ मुलाकात की।
इसके बाद पोप फ्राँसिस 3.00 बजे एरिना हॉल में संयुक्त सत्र में भाग लेने पहुँचे।
पोप ने सत्र के प्रतिभागियों को सम्बोधित कर कहा:
प्रिय देवियो, प्रतिष्ठित सज्जनो,
मैं आज आप सभी को, जी 7 के अंतर-सरकारी फोरम के नेताओं को, मानवता के भविष्य पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रभावों के बारे में संबोधित कर रहा हूँ। "पवित्र शास्त्र प्रमाणित करता है कि ईश्वर ने अपनी आत्मा को मनुष्यों पर इसलिए डाला ताकि वे 'हर कारीगरी में कौशल, समझ और ज्ञान प्राप्त कर सकें।' (निर्गमन 35:31)" इसलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मानव की रचनात्मक क्षमता के शानदार उत्पाद हैं।