पोप ने गज़ा में महिलाओं और बच्चों के "नरसंहार" की निंदा की
पोप फ्राँसिस ने शुक्रवार को विश्व में शांति के लिए प्रार्थना की, गज़ा में निर्दोष लोगों पर हुए हिंसक हमलों की निंदा की तथा चाड में आतंकवादी हमले एवं स्पेन में बाढ़ के पीड़ितों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त की।
1 नवम्बर को सब संतों के पर्व दिवस पर जब तीर्थयात्री संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हुए तो पोप फ्राँसिस ने एक बार फिर विश्व में शांति के लिए प्रार्थना की।
युद्ध के पीड़ितों के लिए प्रार्थना
जैसे कि वे अक्सर कहा करते हैं, पोप फ्राँसिस ने मध्य पूर्व में शांति की प्रार्थना करने से पहले यूक्रेन, म्यांमार और दक्षिण सूडान की याद की। उन्होंने कहा, "भाइयो और बहनो, युद्ध हमेशा हार ही होता है, हमेशा!" उन्होंने युद्ध को "नीच" बताया और समझाया कि "यह झूठ और मिथ्यात्व की जीत है, जिसमें अपने लिए अधिकतम लाभ और विरोधी के लिए अधिकतम नुकसान की कोशिश की जाती है, मानव जीवन, पर्यावरण, बुनियादी ढांचे - सब कुछ को रौंद दिया जाता है; और सब कुछ झूठ के आवरण में छिपा होता है"।
पोप फ्राँसिस ने कहा कि युद्ध में अनगिनत निर्दोष लोगों की जान चली जाती है। उन्होंने विशेष रूप से "गज़ा में हाल के दिनों में मारे गए 153 महिलाओं और बच्चों" की याद की।
चाड में आतंकी हमले के पीड़ितों से निकटता
पोप फ्राँसिस ने इसके बाद चाड में हाल ही में हुए हमले के पीड़ितों के बारे में भी अपने विचार व्यक्त किए। 27 अक्टूबर को जिहादी समूह बोको हराम के सदस्यों द्वारा नाइजीरियाई सीमा के पास एक सैन्य अड्डे पर हमला किए जाने पर 40 सैनिक मारे गए थे। पोप ने पीड़ितों और उनके परिवारों के प्रति अपनी निकटता व्यक्त की।
वालेंसिया के तूफान के पीड़ितों के लिए प्रार्थना
पोप ने इबेरियन प्रायद्वीप के लोगों और विशेष रूप से "डाना" तूफान से तबाह हुए वालेंसिया समुदाय के लिए भी प्रार्थना करने का आग्रह किया। पोप ने "मृतकों और उनके प्रियजनों तथा प्रभावित सभी परिवारों के लिए" प्रार्थना की, और कहा कि "प्रभु उन लोगों का साथ दें जो पीड़ित हैं और जो राहत पहुंचाते हैं। वालेंसिया के लोगों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त करता हूँ।"