पोप ने किया कैदियों पर अधिक ध्यान देने का आह्वान
पोप फ्राँसिस द्वारा 26 दिसम्बर की सुबह रोम के कारावास रेबिब्या के पवित्र द्वार खोले जाने के बारे में रोम धर्मप्रान्त के सहयोगी धर्माध्यक्ष मान्यवर बेनोनी अम्बारुस ने कहा कि पोप ने सम्पूर्ण कलीसिया को आमंत्रित किया है कि वह क़ैदियों की प्रेरिताई पर और अधिक ध्यान दे।
सपना सच हुआ
मान्यवर बेनोनी ने कहा "अब हम जेल में बंद लोगों पर अधिक ध्यान देने की उम्मीद करते हैं। हम यहां रेबिब्या में पवित्र द्वार को प्रेरितिक सजीवता का ख़मीर बनाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि रेबिब्या में सन्त पापा का आना और यहाँ के गिरजाघर का पवित्र द्वार खोलना "एक सपने का सच होना है"।
मान्यवर बेनोनी ने कहा कि पोप फ्राँसिस ने एक ऐसा कार्य करने का निर्णय लिया जिसकी इतिहास में कोई मिसाल नहीं है, उन्होंने एक कारावास के गिरजाघर को रोम के महान महागिरजाघरों के सदृश माना और उसका पवित्र द्वार खोला है तथा सम्पूर्ण विश्व को क़ैदियों की व्यथा पर ध्यान देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उनके लिये यह एक आश्चर्यजनक तथ्य है जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
कलीसिया को आमंत्रण
उन्होंने कहा कि पोप फ्राँसिस का आदर्श ग्रहण करते हुए आज से हम यहां रेबिब्या के गिरजाघर के पवित्र द्वार को प्रेरितिक सजीवता का ख़मीर, ध्यान का ख़मीर, प्रार्थना का खमीर बनाना चाहते हैं जहां हमारे ख्रीस्तीय समुदायों को भी एहसास हो कि वे हमारे कैदी भाइयों और बहनों की आशा को नवीनीकृत और पुनर्जीवित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पोप ने यहाँ बहुत ही सरल बातें कहीं हैं जो सीधे दिल तक जाती हैं, इसलिए सन्त पापा का यह कहना व्यावहारिक है कि केवल जो अनिवार्य है उसकी आवश्यकता है। मान्यवर बेनोनी ने कहा कि कैदी लोग इस तथ्य को समझते हैं कि सबसे पहले कलीसिया और खासकर सन्त पापा उनके प्रति जागरूक हैं और यह सम्पूर्ण कलीसिया के लिए एक आमंत्रण है कि वह अपना प्रकाश इन लोगों पर प्रज्वलित करे, इनसे मिले और इन्हें कलीसिया में सहभागी बनाये।